Wednesday 2 September 2015

शुल्क प्रतिपूर्ति की लूट में फंसे दस और संस्थान

-उत्तराखंड के दस कालेज काली सूची में शामिल
-सहारनपुर के सात संस्थानों को जारी हुआ नोटिस
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
प्रदेश के छात्र-छात्राओं की शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति लूटने में बाहर के संस्थान भी पीछे नहीं रहे हैं। उत्तराखंड के दस ऐसे संस्थानों को काली सूची में डाल दिया गया है। इसके अलावा सहारनपुर के सात संस्थानों को नोटिस जारी कर उनसे शुल्क प्रतिपूर्ति में अनियमितताओं पर जवाब-तलब किया गया है।
दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण व अल्पसंख्यक कल्याण विभागों के माध्यम से मिलने वाली छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति में उत्तर प्रदेश के संस्थानों के खिलाफ तो अभियान चल ही रहा था, अब प्रदेश के बाहर के संस्थान भी इस लूट के हिस्सेदार के रूप में सामने आने लगे हैं। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के निदेशक राम केवल ने ऐसे संस्थानों की जांच की तो पता चला कि उत्तराखंड के दस संस्थानों ने मनमाने ढंग से शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति लेने में अनियमितताएं की हैं। इन संस्थानों ने उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्राओं का अपने यहां प्रवेश दिखाकर शुल्क प्रतिपूर्ति ले ली, जबकि वास्तव में वे लोग उनके यहां छात्र थे ही नहीं।
समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ व्यापक जांच-पड़ताल के बाद पिछड़ा वर्ग निदेशक ने हरिद्वार के बलि ग्र्रामोद्योग विकास संस्थान ग्र्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स (टेकवड्र्स), गुरुनानक एजूकेशन ट्रस्ट ग्र्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स, खीरी शिकोहपुर भगवानपुर, क्वांटम स्कूल ऑफ बिजने, आरआइएमएस, स्वामी दर्शनानंद इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर व उत्तराटेक पॉलीटेक्निक और देहरादून के बिहाइव कालेज ऑफ एडवांस स्टडीज सेलाकुई, फोनिक्स स्कूल ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, शीतल कालेज ऑफ बायोमेडिकल साइंस व इंपीरियल कालेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी को काली सूची में डालने के आदेश किये हैं। इस बीच समाज कल्याण विभाग ने सहारनपुर के सात संस्थानों को नोटिस जारी कर अनियमितताओं के संदर्भ में जवाब तलब किया है। इन संस्थानों पर भी फर्जी छात्रों के प्रवेश दिखाकर शुल्क प्रतिपूर्ति डकारने, एक ही छात्र का बार-बार प्रवेश दिखाने जैसे आरोप हैं। इन सभी की सुनवाई इसी माह पूरी कर ली जाएगी, ताकि उन्हें काली सूची में डालने पर अंतिम फैसला किया जा सके।

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