Wednesday 2 September 2015

अब दो लाख तक आय वाले मुफ्त सीखेंगे कम्प्यूटर


-पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की पहल को शासन की सहमति
-हटाई जाएगी गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन की शर्त
डॉ.संजीव, लखनऊ
देश में तेजी से बढ़ते कम्प्यूटरीकरण के बीच प्रदेश सरकार आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को मुफ्त कम्प्यूटर सिखाने के मौके बढ़ाने जा रही है। अभी तक गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण देने की योजना में व्यापक विस्तार होने जा रहा है। अब दो लाख रुपये तक वार्षिक आय वाले परिवारों के बच्चे मुफ्त कम्प्यूटर सीख सकेंगे। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की इस पहल को शासन की सहमति भी मिल गयी है।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग राज्य में पिछड़े वर्ग के युवाओं को कम्प्यूटर क्षेत्र में रोजगार के अवसर सुलभ कराने के लिए 'ओÓ लेवल कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिलाने की योजना का संचालन कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2008-09 से संचालित इस योजना में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग के इंटरमीडिएट उत्तीर्ण बेरोजगार युवक-युवतियों को विभिन्न कम्प्यूटर प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण दिये जाने का प्रावधान है। इसके लिए उन्हीं 'ओÓ लेवल कम्प्यूटर प्रशिक्षण संस्थानों को माध्यम बनाया जाता है, जो भारत सरकार की डोयक सोसायटी से मान्यता प्राप्त होती हैं। एक वर्ष का यह प्रशिक्षण प्राप्त कर छात्र-छात्राएं प्राथमिक स्तर पर कम्प्यूटर में सिद्धहस्त हो जाते हैं और उन्हें अच्छे रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं। वे बीसीए या अन्य उच्च कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए भी उन्हें इस पाठ्यक्रम से लाभ मिलता है।
अभी तक गरीबी रेखा से नीचे की शर्त होने के कारण इस पाठ्यक्रम के लिए अभ्यर्थियों का चयन थोड़ा कठिन हो रहा था। अब शासन स्तर पर इस शर्त को परिवर्तित करने का फैसला हुआ है। अब दो लाख रुपये वार्षिक तक आय वाले परिवारों के अभ्यर्थियों को इस योजना के दायरे में लाया जा रहा है। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस आशय के प्रस्ताव को विभागीय सहमति के बाद मंत्री स्तर तक मंजूरी मिल चुकी है। इस प्रस्ताव में वित्तीय मामले भी समाहित होने के कारण इसे अंतिम मंजूरी के लिए वित्त विभाग भेजा गया है। इस संबध में पिछड़ा वर्ग विभाग के निदेशक रामकेवल का कहना है कि अधिक युवाओं को लाभ पहुंचाने के लिए अधिकतम आय सीमा बढ़ाने पर सहमति बनी है।
तीन गुना से ज्यादा बढ़ा बजट
इस योजना में बदलाव से पूरे प्रदेश में अभ्यर्थियों की संख्या बढऩे की उम्मीद के मद्देनजर इस योजना के लिए बजट में भी वृद्धि की गयी है। वर्ष 2013-14 व 2014-15 में इस योजना के लिए तीन-तीन करोड़ रुपये जारी हुए थे, जिससे हर वर्ष औसतन तीन हजार लाभार्थियों ने कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त किया था। मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए 11 करोड़ रुपये राशि का प्रावधान हुआ है। अधिकारियों का मानना है कि इस वर्ष आठ से दस हजार विद्यार्थी इस योजना से लाभान्वित होंगे।
अब मिलेंगे 15 हजार
इस योजना के तहत शिक्षण संस्थानों को अब तक प्रति विद्यार्थी दस हजार रुपये पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशालय की ओर से दी जाती थी। इस वर्ष से यह राशि 15 हजार रुपये करने का प्रस्ताव है।

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