--कोषागार निदेशालय की पहल--
-जीवन प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया होगी सुगम
-फिंगरप्रिंट मशीन पर देंगे अंगुलियों की छाप
डॉ.संजीव, लखनऊ
प्रदेश के पेंशनरों के लिए पेंशन पाना अब और आसान होगा। कोषागार महकमा इसके लिए हर जिले में कुछ फिंगर प्रिंट मशीनें लगवाएगा। पेंशनर कभी भी जाकर उनमें अपने अंगुलियों की छाप दे सकेंगे, जिससे मैच कर उन्हें वर्ष भर पेंशन मिलेगी। इससे उन्हें वर्ष में एक बार फार्म भरकर जीवन प्रमाण पत्र देने से मुक्ति मिलेगी।
राज्य में इस समय दस लाख पेंशनर हैं। इन्हें 78 कोषागारों के माध्यम से सीधे बैंक में उनके खाते में पेंशन का भुगतान होता है। पेंशनरों को वर्ष में एक बार अपना जीवन प्रमाण पत्र देने के लिए एक फार्म भरकर कोषागार अधिकारी, संबंधित बैंक के प्रबंधक या किसी राजपत्रित अधिकारी के समक्ष जाकर हस्ताक्षर करवाने होते हैं। प्रदेश का कोषागार निदेशालय पेंशनरों के हित में अब यह प्रक्रिया भी सुगम करने जा रहा है। इसमें पेंशनरों को सिर्फ एक बार अपने हाथ की अंगुलियों की छाप एक फिंगर प्रिंट मशीन पर देनी होगी। फिर उन्हें किसी अधिकारी के सामने जाने या उससे हस्ताक्षर कराने की जरूरत नहीं होगी।
कोषागार निदेशक लोरिक यादव के अनुसार पेंशनरों को और आसानी से पेंशन उपलब्ध कराने तथा उन्हें परेशानी से बचाने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है। इस व्यवस्था के अंतर्गत पूरे प्रदेश में 500 मशीनें लगवाई जाएंगी। ये मशीने जिला मुख्यालयों पर जिलाधिकारी कार्यालय, मुख्य विकास अधिकारी कार्यालयों जैसे स्थानों पर तो होंगी ही, तहसील स्तर पर लगवा दी जाएंगी। ये मशीनें सीधे कोषागार से जुड़ी रहेंगी और सारे कोषागार राजधानी में एक सर्वर से जुड़े हैं। इसके बाद सिर्फ एक बार पेंशनर को कोषागार आकर अपनी अंगुलियों की छाप देनी होगी। उसके बाद वह वर्ष में कभी भी एक बार जाकर किसी भी फिंगरप्रिंट मशीन में अंगुलियों की छाप देंगे। कोषागार के पास मौजूद उनके फिंगर प्रिंट से मैच होते ही उसे पेंशन के जीवित होने की सूचना के रूप में दर्ज कर लिया जाएगा। इसके बाद उन्हें पेंशन मिलने में कोई दिक्कत नहीं होगी। बाजार में मौजूदा समय में यह मशीन 3500 रुपये के आसपास मिल रही है। कोषागार विभाग बिडिंग के माध्यम से थोक में 500 मशीनें खरीदेगा तो हमें और सस्ती मिल जाएंगी। इसलिए बहुत अधिक खर्च किये बिना राज्य के दस लाख पेंशनरों को बहुत अधिक सुविधा देने में सफलता मिलेगी।
यह होगी प्रक्रिया
-पेंशनर कोषागार मुख्यालय में जाकर अंपनी अंगुलियों की छाप देंगे।
-यह सर्वर पर उनके पेंशन पेमेंट ऑर्डर (पीपीओ) नंबर के साथ सेव होगी।
-वर्ष में कभी भी पेंशनर किसी भी मशीन में जाकर अपना पीपीओ नंबर डालेंगे।
-इसके बाद मशीन में अंगुलिछाप देंगे, जो मैच होने पर ओके लिखकर आएगा।
-पीपीओ नंबर व अंगुलिछाप मैच करने का विवरण मशीन सीधे कोषागार भेजेगी।
-कोषागार उसे जीवन प्रमाण पत्र मान उसी आधार पर वर्ष भर पेंशन जारी करेगा।
आधार कार्ड से भी जोड़ेंगे
कोषागार विभाग पूरे प्रदेश में अंगुलिछाप मशीनें लगाकर पेंशनरों को सुविधा देने की पहल कर रहा है। इसमें पीपीओ नंबर के साथ आधार कार्ड को भी जोड़ा जाएगा। उससे पेंशनर की जन्मतिथि आदि ब्योरा भी स्वयमेव आ जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद पेंशनरों को पेंशन मिलने में रही-सही बाधाएं भी दूर हो जाएंगी। -लोरिक यादव, निदेशक कोषागार
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