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-सुदृढ़ीकरण, मानकीकरण व समय निर्धारण पर जोर
-तीन प्राचार्यों की समिति को सौंपा नियमन का जिम्मा
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : मेडिकल कालेजों में ढिलाई करने वाले डॉक्टरों पर शिकंजा कसने की रणनीति बनाई गई है। मरीज की भर्ती से लेकर इलाज के विभिन्न पड़ावों तक हर काम के लिए समय निर्धारित करने की तैयारी है। इसके लिए एक पूर्व चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक सहित तीन प्राचार्यों की समिति गठित की गई है।
मेडिकल कालेजों से जुड़े अस्पतालों में अति विशेषज्ञता से लेकर सामान्य इलाज तक के लिए पहुंचने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। तमाम नए अस्पताल खुलने के साथ ही नए मेडिकल कालेज भी खुल रहे हैं। देखा गया है कि जिन-जिन जिलों में मेडिकल कालेज हैं, वहां के लोग जिला अस्पतालों से ज्यादा भरोसा मेडिकल कालेज से संबद्ध अस्पताल पर करते हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के सामने इस भरोसे पर खरा उतरने की चुनौती है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ.अनूप चंद्र पाण्डेय ने इस बाबत सभी प्राचार्यों व अन्य अधिकारियों से पढ़ाई के साथ ही इलाज की गुणवत्ता व समयबद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साफ कहा है कि मरीज अस्पताल पहुंचे तो समयबद्ध ढंग से उसका इलाज हो और उसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो। इसके लिए सम्पूर्ण व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण, समय निर्धारण व मानकीकरण किया जाना चाहिए।
चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.वीएन त्रिपाठी ने बताया कि सभी मेडिकल कालेजों से संबद्ध अस्पतालों में पूरी व्यवस्था के मानकीकरण के लिए पूर्व चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक व मेरठ मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ.केके गुप्ता, कानपुर मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ.नवनीत कुमार व इलाहाबाद मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ.एसपी सिंह की तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। यह समिति हर स्तर पर समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए अपनी संस्तुतियां देगी। इसके अंतर्गत मरीज के अस्पताल में प्रवेश करने से लेकर उसे इमरजेंसी से वार्ड में स्थानांतरित करने व आवश्यकतानुरूप चिकित्सक को बुलाए जाने तक की सारी स्थितियों के लिए समय-सीमा निर्धारित की जाएगी। चिकित्सा सेवाओं की मौजूदा स्थिति के सुदृढ़ीकरण के लिए जरूरी अवयवों का विश्लेषण भी यह समिति करेगी। समिति चिकित्सा सुविधाओं को उच्च मानकों के अनुरूप करने के लिए भी सुझाव देगी। इसके बाद कुछ कालेजों के अस्पतालों के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण पर भी विचार किया जाएगा।
24 घंटे होंगी सभी जांचें
चिकित्सा सुविधाओं का उच्चीकरण सुनिश्चित करने के लिए मेडिकल कालेजों से संबंधित सभी अस्पतालों में पैथोलॉजी, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआइ आदि सभी जांचें 24 घंटे कराई जाएंगी। इसके लिए सभी प्राचार्यों को निर्देश देकर उनसे जेनरेटर का बैकअप भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। लिफ्ट व जेनरेटर में ऑपरेटर आदि की व्यवस्था ठीक करने को कहा गया है।
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