Wednesday 2 September 2015

शुरुआती 24 घंटे तक इलाज में खून तक मिलेगा मुफ्त

-चिकित्सा शिक्षा विभाग की पहल, न हो इलाज में विलंब
-तुरंत हो भर्ती, आधे घंटे में दे दिया जाये मृत्यु प्रमाण पत्र
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा संस्थानों से जुड़े अस्पतालों में किसी मरीज के पहुंचने पर शुरुआती 24 घंटे तक इलाज में खून तक मुफ्त मुहैया कराया जाएगा। गुरुवार को इस बाबत हुई चिकित्सा शिक्षा विभाग की बैठक में इलाज में किसी भी हाल में विलंब न करने की बात कही गयी।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मार्ग दुर्घटना में घायलों का पूर्ण इलाज सुनिश्चित करने में कोई लापरवाही न बरतने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि दुर्घटना में घायल होकर आने वाले लोगों को ट्रामा से जुड़ा हर उपचार ठीक प्रकार से मिलना चाहिए। इस पर राज्य सरकार के स्तर पर भी पहल शुरू हुई है। गुरुवार को विशेष सचिव (चिकित्सा शिक्षा) अरिंदम भïट्टाचार्य ने प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.वीएन त्रिपाठी के साथ राज्य के सभी चिकित्सा शिक्षा संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उपचार व प्रशासनिक तंत्र की समीक्षा की। बैठक में स्पष्ट कहा गया कि चिकित्सा शिक्षा संस्थानों से जुड़े अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीज अतिरिक्त उम्मीद के साथ आते हैं। उनके इलाज में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए।
बैठक में कहा गया कि गंभीर अवस्था में आपातकालीन विभाग में भर्ती होने वाले हर मरीज का नि:शुल्क इलाज होना चाहिए। शुरुआती चौबीस घंटे तक तो उन्हें खून भी मुफ्त मिलना चाहिए। यदि मरीज घायल अवस्था में आया है और उसे खून चढ़ाया जाना है तो अस्पताल प्रशासन उसका इंतजाम करे, परिजनों को न परेशान किया जाए। प्रशासनिक व्यवस्था चाक चौबंद रखने के लिए तय हुआ कि अस्पतालों में मौजूद आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी (ईएमओ) हर मरीज को भर्ती करेंगे। इसके बाद वहां मौजूद डॉक्टर तुरंत इलाज शुरू कर देंगे। साथ ही ईएमओ मेडिकल कालेज के संबंधित शिक्षक को फोन पर सूचना देंगे, ताकि वरिष्ठ चिकित्सक भी मरीज देखने आ सकें। किसी मरीज की मृत्यु होने पर मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए तीमारदारों को परेशान नहीं किया जाएगा। उन्हें आधा घंटे के अंदर मृत्यु प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा। मेडिको लीगल या पुलिस केस होने की स्थिति में मृत्यु होने पर शव एक घंटे के अंदर मार्चुरी भेज दिया जाएगा।

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