Saturday 12 September 2015

सेहत सुधार की सवा दो हजार योजनाओं को हरी झंडी

-6340 करोड़ रुपए के स्वास्थ्य मिशन से सुविधाओं को रफ्तार
-जच्चा-बच्चा की चिंता पर खर्च होंगे 1600 करोड़ रुपए
--
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से 6340 करोड़ रुपए खर्च कर सेहत की सुविधाओं को रफ्तार देने जा रही है। राज्य स्वास्थ्य समिति ने सेहत सुधार की सवा दो हजार योजनाओं को हरी झंडी दी है। इसमें सर्वाधिक 1600 करोड़ रुपए जच्चा-बच्चा की चिंता पर खर्च होंगे।
प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए बनी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में 2250 योजनाओं का प्रस्ताव किया गया था। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने 17 अगस्त को इस बाबत प्रदेश की ओर से भेजी गयी 'रेकाड्र्स ऑफ प्रोसीडिंग्सÓ को मंजूरी दे दी है। प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक अमित घोष के संयोजन में हुई राज्य स्वास्थ्य समिति की बैठक में इन सभी 2250 योजनाओं के क्रियान्वयन को हरी झंडी दी गयी। इन सभी योजनाओं पर कुल मिलाकर 6,340 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इनमें से 2200 करोड़ रुपए की पुरानी योजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा, वहीं 4140 करोड़ रुपए की नयी योजनाओं को मूर्त रूप दिया जाएगा।
सेहत में समग्र्र सुधार की तमाम योजनाओं के साथ इस वर्ष सर्वाधिक जोर जच्चा-बच्चा की चिंता पर रहेगा। मातृत्व स्वास्थ्य व परिवार कल्याण पर 1600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें से परिवार कल्याण कार्यक्रमों पर 400 करोड़ रुपए खर्च करने को मंजूरी दी गयी है। जननी सुरक्षा योजना, जननी-शिशु सुरक्षा योजना आदि को और प्रभावी बनाने का फैसला हुआ है। टीकाकरण की अब तक की गति को सही बताते हुए उसे विस्तार दिया जाएगा। हर जिले में विशिष्ट जच्चा-बच्चा अस्पताल होना सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि संस्थागत प्रसव में कोई दिक्कत न आए। पहले चरण में 100 शैय्याओं वाले 50 जच्चा-बच्चा अस्पताल बनेंगे।
...तो प्राइवेट डॉक्टर से कराएं इलाज
जच्चा-बच्चा की सेहत से कोई समझौता न करने की नीति के तहत सरकारी डॉक्टर न मिलने पर प्राइवेट डॉक्टर बुलाने का फैसला हुआ है। इसके अंतर्गत एक बार प्राइवेट डॉक्टर बुलाने पर एनेस्थीशिया विशेषज्ञ को 2500 और सर्जन या स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ को 4000 रुपए दिए जाएंगे। ग्र्रामीण क्षेत्र में जाने पर 1000 रुपए अतिरिक्त मिलेगा। इसी तरह प्राइवेट अस्पताल में सीजेरियन प्रसव होने की स्थिति में मिलने वाली राशि भी 1500 से बढ़ाकर 8000 रुपए कर दी गयी है। इसके अलावा पैनल बनाकर निजी अस्पतालों को जोड़ा जाएगा।

No comments:

Post a Comment