Friday 11 September 2015

मेडिकल कालेजों में परास्नातक पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों पर जोर


-प्रमुख सचिव ने अधिकारियों के साथ बैठक कर बनाई रणनीति
-नर्सिंग, फार्मेसी, फिजियोथिरैपी में मास्टर्स से होगी शुरुआत
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मेडिकल कालेजों में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ विशेषज्ञ सहयोगियों का भी विकास करने के लिए अब परास्नातक पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों पर जोर दिया जा रहा है। गुरुवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने इस बाबत रणनीति बनाई। नर्सिंग, फार्मेसी व फिजियोथिरैपी में मास्टर्स पाठ्यक्रमों से इस मुहिम की शुरुआत की जाएगी।
सभी मेडिकल कालेजों में एमडी, एमएस सहित चिकित्सा शिक्षा के परास्नातक पाठ्यक्रमों की सीटें बढ़ाने के फैसले के बाद अब पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों की शुरुआत पर जोर है। गुरुवार को प्रमुख सचिव डॉ.अनूप चंद्र पाण्डेय ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में पैरामेडिकल शिक्षा के नियमन व सुदृढ़ीकरण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के मामले में प्रदेश के कालेजों को राष्ट्रीय स्तर पर महत्व मिलना चाहिए। इसके लिए शिक्षकों से लेकर अन्य व्यवस्थाएं तक चाक-चौबंद की जाएं। पैरामेडिकल क्षेत्र में विशिष्टताओं के साथ नए पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएं। फिलहाल कानपुर, आगरा, मेरठ, इलाहाबाद, झांसी व गोरखपुर मेडिकल कालेजों से इसकी शुरुआत करने को कहा गया है। सबसे पहले नर्सिंग, फार्मेसी व फिजियोथिरैपी विशेषज्ञता में परास्नातक पाठ्यक्रमों की शुरुआत होगी।
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नए मेडिकल कालेजों में डिप्लोमा पाठ्यक्रम
चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.वीएन त्रिपाठी ने बताया कि कन्नौज, आजमगढ़, सहारनपुर, जालौन व अम्बेडकर नगर में खुले नए मेडिकल कालेजों में लैब टेक्नीशियन व एक्सरे टेक्नीशियन विधाओं में डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। इन सभी कालेजों में दोनों डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में बीस-बीस सीटें हैं। अगले चरण में अन्य पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी।

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