Wednesday 2 September 2015

आप मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल हैं, सुधर जाइये!

--अराजक चिकित्सा शिक्षा--
-आगरा व केजीएमयू की घटनाओं के बाद जागा महकमा
-एनआइसीयू से लिफ्ट तक की सघन छानबीन के आदेश
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
इसे मुख्यमंत्री के गुस्से का असर कहें या आगरा और केजीएमयू की घटनाओं के बाद नींद टूटना कहें, चिकित्सा शिक्षा विभाग गुरुवार को थोड़ा सक्रिय दिखा। मेडिकल कालेजों के प्राचार्यों को फोन कर साफ चेतावनी दी गयी कि वे सुधर जाएं। सभी जगह एनआइसीयू से लिफ्ट तक की सघन छानबीन के आदेश भी दिये गए।
पहले आगरा के एसएन मेडिकल कालेज में तीन बच्चों की मौत फिर लखनऊ के किंग जार्जेज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) की लिफ्ट में फंसकर मौत के मामलों ने राज्य में चिकित्सा शिक्षा विभाग की अराजक स्थितियों को उजागर कर दिया है। सुबह से ही प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) के कार्यालय में चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक व केजीएमयू के कुलपति को तलब कर लिया गया था। इसके बाद शुरू हुआ सभी प्राचार्यों पर सख्ती का सिलसिला। चिकित्सा शिक्षा विभाग से सभी प्राचार्यों को तुरंत सक्रिय हो जाने के निर्देश दिये गए।
प्राचार्यों से साफ कहा गया है कि प्राचार्य स्वयं एनआइसीयू से लेकर लिफ्ट तक सभी निरीक्षण करें। देखें कि नवजात शिशु सघन चिकित्सा कक्ष से लेकर सभी सघन चिकित्सा कक्षों से जुड़े जेनरेटर चल रहे हैं या नहीं। सघन चिकित्सा कक्षों के अलावा आपात कालीन विभाग, बाल रोग विभाग, ऑपरेशन थियेटर ब्लॉक पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया है। देखा जाए कि प्राथमिक उपचार के सभी इंतजाम ठीक से किये गए हैं या नहीं। सभी मेडिकल कालेजों में स्वतंत्र फीडर से विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था है, फिर भी जेनरेटर की सर्विसिंग आदि तत्काल सुनिश्चित कराई जाए। हर जगह एक जेनरेटर ऑपरेटर की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिये गए हैं।
सभी मेडिकल कालेजों में लिफ्ट्स का परीक्षण विद्युत सुरक्षा विभाग द्वारा समयबद्ध ढंग से कराने के आदेश हुए हैं। कहा गया है कि यदि समय पर विद्युत सुरक्षा विभाग द्वारा निरीक्षण नहीं हुआ है तो लिफ्ट्स तब तक के लिए बंद कर दी जाएं, जब तक उनकी निरीक्षण व अनुरक्षण नहीं हो जाता। लिफ्ट्स में भी ऑपरेटर तैनात करने को कहा गया है। प्राचार्य इस बाबत व्यक्तिगत रूप से रुचि लें और मेडिकल कालेजों के वरिष्ठतम चिकित्सकों की एक समिति बनाकर सारी पड़ताल कराएं। अनुरक्षण की कमी के कारण होने वाली मौतें लापरवाही की श्रेणी में आएंगी और दोषी कतई बख्शे नहीं जाएंगे।

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