Friday 28 August 2015

सीबीआइ छापों के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप

-स्वास्थ्य भवन की आग से भी जोड़े जा रहे तार
-निशाने पर आ सकते कई गैरसरकारी संगठन
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
राष्ट्रीय ग्र्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले की तपिश एक बार फिर स्वास्थ्य महकमे में दिखाई दे रही है। बुधवार को सीबीआइ छापों के बाद विभाग में हड़कंप मचा है। वहीं बीते दिनों स्वास्थ्य भवन में लगी आग को भी इन छापों से जोड़ा जा रहा है।
एनआरएचएम घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने बुधवार को लखनऊ, गोरखपुर और कानपुर में आठ ठिकानों पर छापेमारी थे। इस बार निशाने पर कुष्ठ निवारण व जननी सुरक्षा के नाम पर हुई हेराफेरी थी। इसके बाद गुरुवार को स्वास्थ्य भवन से लेकर परिवार कल्याण निदेशालय तक हड़कंप मचा रहा। सीबीआइ ने कई आपूर्तिकर्ताओं के साथ स्वास्थ्य विभाग के पांच पूर्व राज्य स्तरीय अधिकारियों के घर छापे मारकर उनसे पूछताछ की है। इन छापों के बाद की स्थितियों पर भी विश्लेषण शुरू हो गया है। बीते दिनों स्वास्थ्य भवन में लगी आग से भी इन छापों को जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि स्वास्थ्य भवन में लगी आग में एनआरएचएम घोटाले से जुड़ी कई महत्वपूर्ण फाइलें जल गयी हैं। उस आग के पीछे एक राजनीतिक दल के कुछ लोगों व कुछ आपूर्तिकर्ताओं की संबद्धता भी बताई जा रही है। यही कारण है कि सीबीआइ ने इस बार छापों में स्वास्थ्य विभाग के पूर्व अधिकारियों के साथ आपूर्तिकर्ताओं व प्रचार प्रसार सामग्र्री छापने वालों पर भी नजर गड़ाई है।
मामला कुष्ठ निवारण और जननी सुरक्षा योजना में धांधली से जुड़ा होने के कारण कुछ गैरसरकारी संगठनों के भी निशाने पर आ जाने की उम्मीद जताई जा रही है। जननी सुरक्षा व कुष्ठ निवारण अभियानों से तमाम गैरसरकारी संगठन जुड़े हैं। ऐसे में सीबीआइ उनके कामकाज व घोटाले में उनकी संलिप्
एनआरएचएम के मद से कुष्ठ निवारण में धांधली किए जाने और करीब एक करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में तत्कालीन राच्य कुष्ठ निवारण अधिकारी पीके श्रीवास्तव समेत कई लोगों के खिलाफ सीबीआइ ने मुकदमा दर्ज किया था। इन अधिकारियों पर कुष्ठ निवारण विज्ञापन के प्रचार-प्रसार, इससे प्रभावित लोगों को जागरूक करने और इलाज के लिए प्रेरित करने के मद में बंदरबांट किए जाने का आरोप है। यह भी आरोप है कि बिना विज्ञापन किए ही निविदा मंजूर कर दोनों मदों के तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की बंदरबांट की गयी।

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