Saturday 22 August 2015

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से रद कराएंगे यूपीसीपीएमटी

--शुचिता का संघर्ष--
-एआईपीएमटी रद करने के फैसले में सीपीएमटी का जिक्र
-अब उसी को आधार बनाकर अदालती लड़ाई की तैयारी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
उत्तर प्रदेश संयुक्त मेडिकल प्रवेश परीक्षा (यूपीसीपीएमटी) को दुबारा कराने की लड़ाई लड़ रहे छात्र छात्राएं सर्वोच्च न्यायालय के एआईपीएमटी रद करने के फैसले को आधार बनाएंगे। उस फैसले में सीपीएमटी में भी एआईपीएमटी की तर्ज पर पर्चा आउट करने व नकल कराने की बात का जिक्र है।
उत्तर प्रदेश में एमबीबीएस, बीडीएस, बीएचएमएस, बीएएमएस व बीयूएमएस में प्रवेश के लिए 25 मई को हुई यूपीसीपीएमटी का पर्चा आउट हुआ था। एसटीएफ द्वारा रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद भी परीक्षा रद नहीं की गयी थी, ऊपर से परिणाम भी घोषित तिथि से नौ दिन पहले घोषित कर दिया गया था। इस बीच 15 जून को सर्वोच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा (एआईपीएमटी) रद करने का आदेश दे दिया है। इससे यूपीसीपीएमटी दुबारा कराने के लिए संघर्ष कर रहे छात्र-छात्राएं खासे उत्साहित हो गए हैं। उनका कहना है कि एसटीएफ ने अपनी प्रथम सूचना रिपोर्ट में परीक्षार्थियों से 15 से 20 लाख रुपये लिये जाने की बात कही है। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने एआईपीएमटी रद करने के अपने आदेश में सीपीएमटी में हुई गड़बड़ी का जिक्र किया है। पीडि़त छात्र-छात्राएं इसी फैसले को आधार बनाकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में तो याचिका दाखिल कर ही रहे हैं, सर्वोच्च न्यायालय की शरण में भी जाएंगे। छात्रों के संघर्ष में सहभागी स्वराज आंदोलन ट्रस्ट के प्रबंध ट्रस्टी घनश्याम श्रीवास्तव ने कहा कि यूपीसीपीएमटी में धांधली के स्पष्ट सबूत सामने होने के बावजूद सरकार के कान में जूं नहीं रेंग रही है। उन्होंने यूपीसीपीएमटी रद कर दुबारा कराने व काउंसिलिंग रोकने की मांग की।
क्या है सुप्रीम कोर्ट के फैसले में?
''यहां यह जिक्र करना उचित है कि जांच के दौरान आरोपी नन्हा व सुजीत ने यह रहस्योद्घाटन किया है कि 25 मई को हुई राज्य स्तरीय परीक्षा यूपीसीपीएमटी में भी उन्होंने विजय यादव से उत्तर के विकल्प (आंसर की) प्राप्त किये। इसके लिए उन्होंने अंडरगार्मेण्ट्स में कंसील्ड वायरिंग के माध्यम से इलेक्ट्रानिक डिवाइस फिट करने के तरीके का इस्तेमाल किया।ÓÓ -एआईपीएमटी रद किये जाने के 41 पेज के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पेज नंबर 14 का पांचवां बिन्दु
ये हैं अभ्यर्थियों की मांगें
-25 मई को हुई यूपीसीपीएमटी की परीक्षा रद कर दुबारा कराई जाए, 22 से प्रस्तावित काउंसिलिंग रोकी जाए
-सभी मंडलों में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अलग भवन बनें, जहां जैमर, सीसीटीवी कैमरे आदि लगाए जाएं
-पेपर लीक कराने व अनियमितता करने वालों के लिए सख्त कानून बनाकर इसे गैरजमानती अपराध घोषित किया जाए
-लाभार्थी अभ्यर्थियों के साथ उनके माता-पिता पर भी मुकदमा चले, क्योंकि पेपर आउट कराने में धन वही देते हैं

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