Saturday 22 August 2015

जनता की मदद से तलाशेंगे कर चोर


आयकर विभाग के प्रधान निदेशक (जांच) से बातचीत
बचने न पाएगा कोई बड़ा लेनदेन, रखेंगे बहुस्तरीय नजर
डॉ.संजीव, लखनऊ
आयकर की चोरी करना अब आसान न होगा। नए प्रधान निदेशक (जांच) एसआर मलिक का कहना है कि कोई भी बड़ा लेनदेन विभाग की नजर से बचने न पाएगा और इसके लिए बहुस्तरीय नजर रखी जाएगी। 'दैनिक जागरण से बातचीत में आयकर विभाग के प्रधान निदेशक (जांच) एसआर मलिक ने कहा कि अब जनता की मदद से कर चोर तलाशे जाएंगे।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में पढ़े, 1984 बैच के आईआरएस अफसर एसआर मलिक यहां काम संभालने से पहले बड़ौदा में प्रधान आयकर आयुक्त के रूप में काम कर रहे थे। वे इससे पहले मध्यप्रदेश, दिल्ली, कोलकाता व मुंबई में भी कर चोरों के खिलाफ अभियान चला चुके हैं। वे चाहते हैं कि आयकर की छवि महज जांच व छापेमारी की ही न बने, बल्कि करदाताओं के लिए प्रभावी सेवा प्रदाता की भी बने। अपने कामकाज में वे इसकी कोशिश भी करेंगे।
सूचनाओं की बारीक पड़ताल
उन्होंने बताया कि आयकर विभाग के पास कई स्तरों से तमाम सूचनाएं आती हैं। ऐसे में इन सूचनाओं की बारीक पड़ताल पर पूरी ध्यान दिया जाएगा। सूचनाओं का गहराई से अध्ययन ('डिगिंगÓ) करने के साथ उनके विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी होता है। केंद्रीय स्तर पर विभाग के विकेंद्रीकरण के पीछे मूल तत्व भी यही है कि पड़ताल को प्रभावी बनाया जा सके। इसके लिए जनता के बीच आयकर विभाग का दायरा बढ़ाया जाएगा। जनता को सूचनाओं के संप्रेषण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और जनता की मदद से ही कर चोरों की तलाश भी की जाएगी।
आधारभूत ढांचे का भी विकास
श्री मलिक ने कहा कि आयकर चोरों को पकडऩे में सूचना तंत्र सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अभी हम जनता से मिली सूचनाओं के साथ अपने खुफिया तंत्र को भी सक्रिय रखते हैं। इसके अलावा बैंकों, सामाजिक छवि, अचानक आर्थिक स्थिति में बदलाव की सूचनाएं जैसी स्थितियां भी हमें सक्रिय करती हैं। अब हम इनका विस्तार करेंगे। इसके लिए आधारभूत ढांचे का विकास किया जाएगा। जनता से सीधे संवाद के लिए उपक्रम विकसित करने के साथ अधिक से अधिक सूचना तंत्र के आयाम तलाशे जाएंगे। इसके लिए कर्मचारियों-अधिकारियों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।
अधिक संख्या में जारी होंगे नोटिस
श्री मलिक ने बताया कि कामकाज की क्षमता बढऩे के साथ आयकर नोटिस भी अधिक संख्या में जारी किये जाएंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी बड़ा लेनदेन हमसे न बच पाए। कुल मिलाकर किसी भी तरह से कर की वसूली न रह जाए। पूरा कर वसूला जाए, इसके लिए हर स्तर पर प्रयास होंगे। प्राथमिकता यह होगी कि कोई ईमानदार आदमी परेशान न हो और कोई बेईमान बचने न पाए।
इन 42 जिलों पर सीधी नजर
लखनऊ, बाराबंकी, बस्ती, फैजाबाद, गोंडा, हरदोई, जौनपुर, प्रतापगढ़, रायबरेली, सुलतानपुर, सीतापुर, उन्नाव, लखीमपुर खीरी, बरेली, पीलीभीत, बलरामपुर, बहराइच, अम्बेडकर नगर, पिछौरागढ़, ऊधम सिंह नगर, बागेश्वर, नैनीताल, अल्मोड़ा, चम्पावत, शाहजहाँपुर, इलाहाबाद, आजमगढ़, चंदौली, देवरिया, फतेहपुर, गाजीपुर, गोरखपुर, कौशांबी, कुशीनगर, महाराजगंज, मऊ, मिर्जापुर, संत रविदासनगर, सोनभद्र, वाराणसी, बलिया, भदोही

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