Monday 31 August 2015

सूर्यप्रताप ने कहा, सुनो सरजी मार डालो पर.. डराओ मत!

राज्य ब्यूरो, लखनऊ
अमिताभ ठाकुर की तर्ज पर प्रदेश सरकार से मोर्चा खोले सार्वजनिक उद्यम विभाग के प्रमुख सचिव सूर्यप्रताप सिंह ने गुरुवार को एक बार फिर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा, 'सुनो सरजी, मार डालो... डराओ मतÓ।
सूर्यप्रताप ने कहा कि उनको लेकर किया जा रहा पूर्वाग्रह ग्रस्त प्रचार मानवीय संवेदना को कुचलने, मानसिक उत्पीडऩ और कलंकित करने का प्रयास है। ये सब गंभीर दर्द देता है, पीड़ा देता है। इससे जनभावनाओं से साथ खिलवाड़ होता है, भावनात्मक शोषण होता है। 'सरजीÓ को संबोधित करते हुए उन्होंने आशंका जताई है कि इससे पार्टी कार्यकर्ताओं सहित कुछ लोग अपने 'आकाओंÓ को खुश करने के लिए उनकी हत्या भी कर सकते हैं। इसका ख्याल रखा जाना चाहिए कि यह सब किसी व्यक्ति के प्रति जनविश्वास को कम करने, फेसबुक पर लिखने वाले किसी लेखक की कलम तोडऩे या एक अधिकारी के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने का प्रयास हो सकता है। उन्होंने दावा किया है कि वे जनमानस की मौन स्वीकृति के साथ व्यवस्था के डर, दर्द और यातना को एक जनसेवक के रूप में उठा रहे हैं। उन्होंने कोई भी मुद्दा किसी व्यक्ति या संस्था की आलोचना के उद्देश्य से नहीं उठाया है। उन्होंने अपने स्टेटस का समापन इससे पूर्व में भी 5, कालिदास पर मेरे जैसे च्महत्वहीनच् विभाग की समीक्षा के बहाने बुलाकर मेरा अपमान भी किया गया 7 फ़ोन पर तो मुझे गाली-गलोच लगभग रोज ही दी जाती है 7 नक़ल रोको अभियान के दौरान एक ङ्कढ्ढक्क जनपद तथा एक पूर्वी उ.प्र. के जनपद में मारने पीटने के उदेश्य से घेरा भी गया था 7 मेरे घर पर भी लोग भेजे गए7 मैं इस सब को यद्यपि अति-गंभीरता से नहीं लेता हूँ....इसलिए नहीं कि... मैं बहुत निर्भीक हूँ...और न ही अहंकारवश ..यह सब कह रहा हूँ... मैं अपने मन को समझाने के लिए ..नियति पर भरोसा कर लेता हूँ .. बस इतना ही मात्र है 7
मैंने एक काल्पनिक पात्र विकसित किया है: च्सर जीच् - यह मेरा स्वमं से बात करने (ह्यद्गद्यद्घ-ह्लड्डद्यद्मद्बठ्ठद्द) का एक तरीका है ...यह पात्र कोई व्यक्ति हो भी सकता और नहीं भी .....
उपरोक्त च्गंभीरच् प्रकरण को लिखते हुए माहोल काफी च्नीरसच् हो गया, जान पड़ता है अत: नीचे संलग्न तीसरी फोटो को देखें ...... चलो हम सब मिलकर अपने च्सर जीच् से पूंछतें है ..... क्यों कर रहे हो ये सब......सर जी......... क्या टल्ली हो गए हो ?......टल्ली होना अच्छी बात नहीं.... जनमानस की भावना...पीड़ा...दर्द... को गंभीरता से लेना चाहिए....यु.....वाह ..वा...वा ....जोश के साथ होश हो तो मजा आ जाये....वलात्कार... भ्रष्टाचार.... जातिवाद ....छेत्रवाद.....झुटा प्रचारवाद....का फल ...मीठा नहीं होता...... गरीब..असहाय....निर्बल...को न सताईये जाकी मोटी हाय..... बिना स्वांस की खाल से....लोह भस्म हो जाये...
मेरे लिखने व कहने का .. उदेश्य जनमानस की भावनायों को भड़काना कभी नहीं रहा ..हाँ जनमानस को उनकी शक्ति का आभास कराने ....जगाने का उदेश्य अवश्य रहा है....और यह मैं जब तक स्वांस है शायद ..जरूर करूँगा...ऐसा संकल्प है...सर जी...गलती हो तो मांफ कर देना 7
(इनसेट-1)
अपमान व गालियां तो रोज की बात
लखनऊ: सूर्यप्रताप सिंग का कहना है कि उन्हें समीक्षा के बहाने बुलाकर अपमानित किया गया, फोन पर तो मुझे रोज ही गालियां दी जाती हैं। नक़ल रोको अभियान के दौरान उन्हें दो जिलों में पीटने के उद्देश्य से घेरा गया। उनके घर पर भी लोग भेजे गए। उन्होंने कहा कि वे इस सब को अति-गंभीरता से नहीं लेता। ऐसा अहंकार या निर्भीक होने की वजह से नहीं, बल्कि नियति पर भरोसे के कारण कर रहा हूं।


मैंने एक काल्पनिक पात्र विकसित किया है: च्सर जीच् - यह मेरा स्वमं से बात करने (ह्यद्गद्यद्घ-ह्लड्डद्यद्मद्बठ्ठद्द) का एक तरीका है ...यह पात्र कोई व्यक्ति हो भी सकता और नहीं भी .....
उपरोक्त च्गंभीरच् प्रकरण को लिखते हुए माहोल काफी च्नीरसच् हो गया, जान पड़ता है अत: नीचे संलग्न तीसरी फोटो को देखें ...... चलो हम सब मिलकर अपने च्सर जीच् से पूंछतें है ..... क्यों कर रहे हो ये सब......सर जी......... क्या टल्ली हो गए हो ?......टल्ली होना अच्छी बात नहीं.... जनमानस की भावना...पीड़ा...दर्द... को गंभीरता से लेना चाहिए....यु.....वाह ..वा...वा ....जोश के साथ होश हो तो मजा आ जाये....वलात्कार... भ्रष्टाचार.... जातिवाद ....छेत्रवाद.....झुटा प्रचारवाद....का फल ...मीठा नहीं होता...... गरीब..असहाय....निर्बल...को न सताईये जाकी मोटी हाय..... बिना स्वांस की खाल से....लोह भस्म हो जाये...
मेरे लिखने व कहने का .. उदेश्य जनमानस की भावनायों को भड़काना कभी नहीं रहा ..हाँ जनमानस को उनकी शक्ति का आभास कराने ....जगाने का उदेश्य अवश्य रहा है....और यह मैं जब तक स्वांस है शायद ..जरूर करूँगा...ऐसा संकल्प है...सर जी...गलती हो तो मांफ कर देना 7
उठाए ये मुद्दे
-प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं में व्याप्त नकल का मुद्दा उठाकर 'नकल रोको अभियानÓ चलाया।
-किसानों को ओलावृष्टि से हुई 7,500 करोड़ रुपये की क्षति के बदले मुआवजे का मुद्दा उठाया।
-बीते वर्ष घोषणा के अनुरूप सूखा राहत के मद में किसानों को 450 करोड़ रुपये न मिलने का मुद्दा उठाया।
-गन्ना किसानों का 11 हजार करोड़ रुपया बकाया होने के बावजूद भुगतान न किये जाने का मुद्दा उठाया।
-प्रदेश में बिजली मूल्य में हुई वृद्धि के बाद विभागीय भ्रष्टाचार व बिजली चोरी की छूट का मुद्दा उठाया।
-लोकसेवा आयोग में अध्यक्ष अनिल यादव के भ्रष्टाचार, जातिवाद और हो रहे कदाचार का मुद्दा उठाया।
-विभिन्न चयन आयोगों में एक ही जाति के अध्यक्षों व नियम विरुद्ध हो रही भर्तियों का मुद्दा उठाया।
-शाहजहांपुर में पत्रकार व बाराबंकी में पत्रकार की मां को जलाकर मारने के बाद गिरफ्तारी न होने का मुद्दा उठाया।
-आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे को लेकर कुछ जनपदों व एक गांव को ही लाभ दिये जाने की बात उजागर की।

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