--फेसबुक पर 'सरजी को संबोधित वार्तालाप में उठाए तमाम सवाल
--'अनिल यादव पर करम और हम पर सितम लिख याद दिलाया धरम
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
प्रदेश सरकार से मोर्चा लेकर चर्चित हो रहे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी व सार्वजनिक उद्यम विभाग के प्रमुख सचिव डॉ.सूर्यप्रताप (एसपी) सिंह ने अब प्रेमचंद की कहानी को आधार बनाकर सरकार पर हमला बोला है। इसके लिए उन्होंने अपनी फेसबुक वॉल को माध्यम बनाया है और वहां तमाम सबूत भी पेश किये हैं।
अपने वार्तालाप की शुरुआत, 'जरा सुनिए, सर जी*!!!! से करते हुए उन्होंने लिखा है. 'हम पर कारवाही तो जरूर करें, सरजी.. हम तैयार हैं, परन्तु ये तो बता दे कि 2011 की पीसीएस के अंतिम परिणाम की सलग्न सूची में कुल चयनित 86 एसडीएम में 54 एक ही जाति के कैसे आ गए? साथ ही उन्होंने पीसीएस 2011 के सफल यादव अभ्यर्थियों की वह सूची भी फेसबुक वॉल पर लगाई है, जिसमें उन्हें साक्षात्कार में 138 से 140 अंक मिले हैं। इसके साथ ही उन्होंने लिखा, 'अनिल यादव पर करम और हम पर सितम, रहने दे अब थोडा सा धरम, सर जी..!!!!! खुद को एक दीगर कारिन्दा करार देते हुए अपने कुचले जाने की बात स्वीकार की और कहा कि जनसामान्य तो प्रेम चंद का होरी है और रहेगा। अनिल यादव, यादव सिंह पर कार्रवाई की मांग करने के साथ ही उन्होंने आगरा में शैलेन्द्र अग्रवाल के खुलासे में दो पूर्व डीजीपी को जेल भेजने, शाहजहांपुर में पत्रकार को जलाने के आरोपी मंत्री तथा एआरटीओ को पीटने वाले मंत्री को बर्खास्त करने की मांग भी की है। साथ ही लिखा है कि यदि 'सरजी ऐसा कर देते तो उनकी छवि प्रेमचंद के होरी के भगवान की हो जाती। उन्होंने इस वार्तालाप को प्रेमचंद की कहानी गुल्ली-डंडा के दो पात्रों के बीच वार्तालाप करार दिया और कहा कि इसे कुछ और समझकर भ्रमित न हुआ जाए।
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