Monday 31 August 2015

अब भूमिहीनों को सबसे पहले मिलेगी समाजवादी पेंशन

--बदल गए नियम--
-अब तक नहीं पूरा हो सका पिछले वर्ष का लक्ष्य
-इस साल पांच लाख अधिक लोगों को मिलेगा लाभ
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
समाजवादी पेंशन योजना में बीते वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य समाज कल्याण विभाग अब तक नहीं प्राप्त कर सका है। अब योजना के नियमों में बदलाव कर इस वर्ष के लिए लक्ष्य बढ़ाया गया है।
समाजवादी पेंशन योजना में पिछले वित्तीय वर्ष 2014-15 में 40 लाख लाभार्थियों को 500 रुपये प्रति माह पेंशन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। उनमें से 33,66,056 को 19 करोड़ 99 लाख 35 हजार रुपये खर्च करके पेंशन का भुगतान किया गया था। शेष 6,58,894 लाभार्थियों को अब तक पेंशन नहीं दी जा सकी है। ऊपर से इस बार लाभार्थियों का लक्ष्य बीते वर्ष की तुलना में पांच लाख बढ़ाकर 45 लाख कर दिया गया है। इसी बीच गत दिनों एक शासनादेश जारी कर समाजवादी पेंशन की शर्तें भी बदल दी गयी हैं। ग्र्रामीण क्षेत्रों के लिए अब तक वरीयता क्रम निर्धारण में दूसरे स्थान पर रहने वाली भूमिहीन होने की शर्त को पहले स्थान पर कर दिया गया है। इसी तरह शहरी क्षेत्र में वरीयता क्रम निर्धारण में अब हाथ से मैला ढोने वाले स्वच्छकारों को पहली वरीयता दी जाएगी। इसी आधार पर वित्तीय वर्ष 2014-15 में लाभार्थियों का चयन करने का निर्देश दिया गया है। इस वर्ष लाभार्थियों की संख्या के मामले में लक्ष्य पांच लाख बढ़ाकर 45 लाख कर दिया गया है। प्रमुख सचिव (समाज कल्याण) सुनील कुमार ने बताया कि समाजवादी पेंशन के लिए 2727 करोड़ रुपये बजट की व्यवस्था की गयी है। पांच लाख नये लाभार्थियों के चयन में अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा अन्य वर्गों का ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जनपदवार तथा वर्गवार अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना के अंतर्गत 45 लाख परिवारों में से अनुसूचित जाति/जनजाति के 13.50 लाख (30 प्रतिशत), अल्पसंख्यक वर्ग के 11.25 लाख (25 प्रतिशत), अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के 20.25 लाख (45 प्रतिशत) लोग लाभान्वित होंगे।  पिछले वर्ष के शेष लाभार्थियों के आवेदन पत्रों की पुन: जांच कर उनके पात्र पाए जाने पर पेंशन दी जाएगी।
इन्हें भी मिलेगी पेंशन
-18 वर्ष से कम आयु के विकलांग बच्चे जिनके माता-पिता मानक पूरे कर रहे हों
-कृषि संकट, कर्ज या उत्पीडऩ के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों के परिजन
-सदमे से असामयिक मृत्यु की घटना घटित होने वाले किसानों के परिजन
-एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों, परिवारों व अनाथ संक्रमित बच्चों के संरक्षक
-शारीरिक रूप से अक्षम व विकृत चेहरे वाले एसिड अटैक के पीडि़तों को

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