Saturday 22 August 2015

...फिर भी नहीं भरी एमडी-एमएस की सीटें

-एनॉटमी, बायोकेमिस्ट्री व फार्माकोलॉजी की नौ सीटें खाली
-चार बार हुई काउंसिलिंग के बाद भी नहीं उत्साहित अभ्यर्थी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
सूबे के मेडिकल कालेजों में परास्नातक कक्षाओं (एमडी-एमएस) में प्रवेश के लिए चार बार काउंसिलिंग के बाद भी सभी सीटें नहीं भर सकी हैं। सिर्फ किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी व आगरा मेडिकल कालेज में ही परास्नातक की सभी सीटें पूरी भरी हैं।
जानकारी के मुताबिक राज्य के मेडिकल कालेजों व परास्नातक शिक्षा संस्थानों में एमडी, एमएस व डिप्लोमा के 33 पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिए जाते हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश परास्नातक मेडिकल प्रवेश परीक्षा (पीजीएमई) का आयोजन भी होता है। इस वर्ष भी मार्च में पहली काउंसिलिंग के साथ परास्नातक सीटें भरने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। बीती चार जून को हुई तीसरी काउंसिलिंग के बाद परास्नातक की 21 सीटें खाली बची थीं। इन सीटों को भरने के लिए बुधवार को काउंसिलिंग का मॉप-अप राउंड संपन्न हुआ। इसमें पीजीएमई में सफल अभ्यर्थियों को सीट चयन का खुला अवसर दिया गया। इसके बावजूद परास्नातक डिप्लोमा की तो सभी सीटें भर गयीं किन्तु एमडी-एमएस की नौ सीटें खाली रह गयी। सिर्फ लखनऊ की किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और आगरा मेडिकल कालेज की ही एमडी-एमएस की सभी सीटें भरी हैं। इलाहाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर व मेरठ मेडिकल कालेजों के साथ सैफई आयुर्विज्ञान संस्थान में एमएस (एनॉटमी) की एक-एक सीट खाली रह गयी है। सैफई में एमडी (बायोकेमिस्ट्री) की भी एक सीट खाली है, वहीं गोरखपुर व झांसी मेडिकल कालेजों में एमडी (फार्माकोलॉजी) की एक-एक सीट नहीं भर सकी है। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.वीएन त्रिपाठी ने बताया कि ये सीटें अब खाली ही रहेंगी। पूरी काउंसिलिंग सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में हुई है, इसलिए अब इन सीटों पर कोई फैसला नहीं लिया जा सकता है।

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