--खाली हैं 284 सीटें--
-पहली काउंसिलिंग में नहीं भर सकीं 25 सीटें
-एआईपीएमटी विलंबित होने से खाली 259 सीटें
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
राज्य के मेडिकल कालेजों में प्रवेश के लिए आयोजित कंबाइंड प्री मेडिकल टेस्ट (सीपीएमटी) की पहली काउंसिलिंग के बाद प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके बावजूद कालेजों में पढ़ाई पर संकट मंडरा रहा है, क्योंकि अब तक इनकी 284 सीटें खाली हैं।
लखनऊ के किंग जार्जेस मेडिकल यूनिवर्सिटी व सैफई के आयुर्विज्ञान संस्थान सहित राज्य के 13 मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की कुल 1722 सीटें हैं। इनमें से 1463 सीटें सीपीएमटी से भरी जानी थीं। बीती 22 जून से शुरू हुई सीपीएमटी काउंसिलिंग में ये सभी सीटें नहीं भर सकी हैं। सीपीएमटी कोटे की ही अभी 25 सीटें बाकी हैं। इनके अलावा 259 सीटें अखिल भारतीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा (एआईपीएमटी) से भरी जानी थीं। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तीन मई को हुई एआईपीएमटी रद कर दुबारा परीक्षा कराने के निर्देशों के बाद ये 259 सीटें भी अब तक नहीं भरी जा सकी हैं। अब एआईपीएमटी का आयोजन 25 जुलाई को होगा। इसके बाद परीक्षाफल व काउंसिलिंग होते-होते अगस्त तो समाप्त ही हो जाएगा।
बहुत दिन नहीं हुए जब लखनऊ के किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय सहित राज्य के अधिकांश मेडिकल कॉलेजों की मान्यता खतरे में थी। भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) के निरीक्षण में लगभग हर कॉलेज में कोई न कोई कमी निकल रही थी। हालात ये थे कि मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा कंबाइंड प्री मेडिकल टेस्ट (सीपीएमटी) के ब्रोशर तक में राज्य के 12 में से 11 मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए भारत सरकार के अनुमोदन की शर्त लगाई गयी थी। ऐसे में चिकित्सा शिक्षा महकमा सीटें बचाने के लिए मशक्कत में जुटा था। अब स्थितियां बदल गयी हैं। सीपीएमटी में सफल अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग 22 जून से होनी है और उसके लिए बीते वर्ष की तुलना में अधिक सीटों पर प्रवेश के अवसर उपलब्ध होंगे। वर्ष 2014 में 12 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 1593 सीटें थीं, जिनमें से 1354 सीटें सीपीएमटी से भरी गयी थीं और शेष सीटें एआइपीएमटी से केंद्रीय कोटे के तहत भरी गयी थीं। इस वर्ष भारतीय चिकित्सा परिषद ने सहारनपुर मेडिकल कॉलेज के लिए 100 सीटों की अनुमति दी है। इनमें से 85 सीपीएमटी के सफल अभ्यर्थियों से भरी जाएंगी। एसएन मेडिकल कालेज आगरा की सीटों की संख्या 124 से बढ़ाकर इस वर्ष 145 कर दी गयी है। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी व बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में भी सीटों की संख्या 96 से बढ़ाकर 100 कर दी गयी है। इस तरह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 129 सीटों की वृद्धि के साथ अब 1722 एमबीबीएस की सीटें हो गयी हैं। इनमें से 1463 सीटें सीपीएमटी से भरी जाएंगी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 109 अधिक हैं।
----
तीन जुलाई तक आवंटित कॉलेज में प्रवेश लेना होगा।
पहले चरण की काउंसिलिंग और प्रवेश प्रक्रिया के बाद एमबीबीएस व बीडीएस की बची सीटों के अलावा बीएचएमएस, बीएएमएस व बीयूएमएस पाठ्यक्रमों के प्रवेश के लिए द्वितीय चरण की काउंसिलिंग 27 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी। द्वितीय चरण की काउंसिलिंग से आवंटित कॉलेजों में दो अगस्त तक हर हाल में प्रवेश लेना होगा। इसके बाद भी सीटें बचीं तो छह से 10 सितंबर तक काउंसिलिंग होगी। इस दौरान आवंटित कॉलेजों में 17 सितंबर तक प्रवेश लेना अनिवार्य होगा।
----
एक सितंबर से शुरू होगा सत्र
प्रदेश के मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र की शुरुआत एक सितंबर से हो जाएगी। इसके बाद यह आकलन होगा कि आवंटन के बावजूद कौन छात्र-छात्राएं प्रवेश लेने नहीं पहुंचे। ऐसे में अपरिहार्य कारणों से रिक्त हुई एमबीबीएस व बीडीएस सीटों को भरे जाने के लिए एक मॉप-अप राउंड काउंसिलिंग कराकर 30 सितंबर तक प्रवेश सुनिश्चित कराए जाएंगे।
-पहली काउंसिलिंग में नहीं भर सकीं 25 सीटें
-एआईपीएमटी विलंबित होने से खाली 259 सीटें
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
राज्य के मेडिकल कालेजों में प्रवेश के लिए आयोजित कंबाइंड प्री मेडिकल टेस्ट (सीपीएमटी) की पहली काउंसिलिंग के बाद प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके बावजूद कालेजों में पढ़ाई पर संकट मंडरा रहा है, क्योंकि अब तक इनकी 284 सीटें खाली हैं।
लखनऊ के किंग जार्जेस मेडिकल यूनिवर्सिटी व सैफई के आयुर्विज्ञान संस्थान सहित राज्य के 13 मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की कुल 1722 सीटें हैं। इनमें से 1463 सीटें सीपीएमटी से भरी जानी थीं। बीती 22 जून से शुरू हुई सीपीएमटी काउंसिलिंग में ये सभी सीटें नहीं भर सकी हैं। सीपीएमटी कोटे की ही अभी 25 सीटें बाकी हैं। इनके अलावा 259 सीटें अखिल भारतीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा (एआईपीएमटी) से भरी जानी थीं। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तीन मई को हुई एआईपीएमटी रद कर दुबारा परीक्षा कराने के निर्देशों के बाद ये 259 सीटें भी अब तक नहीं भरी जा सकी हैं। अब एआईपीएमटी का आयोजन 25 जुलाई को होगा। इसके बाद परीक्षाफल व काउंसिलिंग होते-होते अगस्त तो समाप्त ही हो जाएगा।
बहुत दिन नहीं हुए जब लखनऊ के किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय सहित राज्य के अधिकांश मेडिकल कॉलेजों की मान्यता खतरे में थी। भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) के निरीक्षण में लगभग हर कॉलेज में कोई न कोई कमी निकल रही थी। हालात ये थे कि मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा कंबाइंड प्री मेडिकल टेस्ट (सीपीएमटी) के ब्रोशर तक में राज्य के 12 में से 11 मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए भारत सरकार के अनुमोदन की शर्त लगाई गयी थी। ऐसे में चिकित्सा शिक्षा महकमा सीटें बचाने के लिए मशक्कत में जुटा था। अब स्थितियां बदल गयी हैं। सीपीएमटी में सफल अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग 22 जून से होनी है और उसके लिए बीते वर्ष की तुलना में अधिक सीटों पर प्रवेश के अवसर उपलब्ध होंगे। वर्ष 2014 में 12 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 1593 सीटें थीं, जिनमें से 1354 सीटें सीपीएमटी से भरी गयी थीं और शेष सीटें एआइपीएमटी से केंद्रीय कोटे के तहत भरी गयी थीं। इस वर्ष भारतीय चिकित्सा परिषद ने सहारनपुर मेडिकल कॉलेज के लिए 100 सीटों की अनुमति दी है। इनमें से 85 सीपीएमटी के सफल अभ्यर्थियों से भरी जाएंगी। एसएन मेडिकल कालेज आगरा की सीटों की संख्या 124 से बढ़ाकर इस वर्ष 145 कर दी गयी है। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी व बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में भी सीटों की संख्या 96 से बढ़ाकर 100 कर दी गयी है। इस तरह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 129 सीटों की वृद्धि के साथ अब 1722 एमबीबीएस की सीटें हो गयी हैं। इनमें से 1463 सीटें सीपीएमटी से भरी जाएंगी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 109 अधिक हैं।
----
तीन जुलाई तक आवंटित कॉलेज में प्रवेश लेना होगा।
पहले चरण की काउंसिलिंग और प्रवेश प्रक्रिया के बाद एमबीबीएस व बीडीएस की बची सीटों के अलावा बीएचएमएस, बीएएमएस व बीयूएमएस पाठ्यक्रमों के प्रवेश के लिए द्वितीय चरण की काउंसिलिंग 27 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी। द्वितीय चरण की काउंसिलिंग से आवंटित कॉलेजों में दो अगस्त तक हर हाल में प्रवेश लेना होगा। इसके बाद भी सीटें बचीं तो छह से 10 सितंबर तक काउंसिलिंग होगी। इस दौरान आवंटित कॉलेजों में 17 सितंबर तक प्रवेश लेना अनिवार्य होगा।
----
एक सितंबर से शुरू होगा सत्र
प्रदेश के मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र की शुरुआत एक सितंबर से हो जाएगी। इसके बाद यह आकलन होगा कि आवंटन के बावजूद कौन छात्र-छात्राएं प्रवेश लेने नहीं पहुंचे। ऐसे में अपरिहार्य कारणों से रिक्त हुई एमबीबीएस व बीडीएस सीटों को भरे जाने के लिए एक मॉप-अप राउंड काउंसिलिंग कराकर 30 सितंबर तक प्रवेश सुनिश्चित कराए जाएंगे।
No comments:
Post a Comment