Saturday 22 August 2015

वासुदेव यादव को बचाने में फंसे माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव

विधानसभा आश्वासन समिति ने लगाया गुमराह करने का आरोप
नाराज हुए सदस्य, अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंप कार्रवाई की सिफारिश
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
माध्यमिक शिक्षा निदेशक रहे वासुदेव यादव को बचाने में विभाग के प्रमुख सचिव फंस गए। विधानसभा की आश्वासन समिति ने उन पर गुमराह करने का आरोप लगाने के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंप कार्रवाई की सिफारिश की है।
जानकारी के मुताबिक 1983 में एक शिक्षक द्वारा इस्तीफा देने के बाद उक्त शिक्षक को 1991 में दुबारा नियुक्त किये जाने के मामले में 1995 में विधानसभा में दुबारा नौकरी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था। बीस साल से इस आश्वासन पर कार्रवाई न होने के मसले पर बीते शुक्रवार को हुई विधानसभा आश्वासन समिति की बैठक में माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार को तलब किया गया था। समिति के सदस्य व लोकदल विधान मंडल दल के नेता दलवीर सिंह के मुताबिक आश्वासन समिति की बैठक के दौरान प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार के व्यवहार से विधायक हैरान रह गए। आश्वासन के अनुरूप कार्रवाई न किये जाने के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि जिनके खिलाफ कार्रवाई होने थी, वे सभी चार साल पहले सेवानिवृत्त हो गए इसलिए कार्रवाई नहीं हो सकती। इस पर मुरादाबाद के विधायक मो.इरफान ने कहा कि दो साल पहले तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक वासुदेव यादव पर कार्रवाई के लिए कहा गया था, किन्तु कार्रवाई नहीं की गयी। विधायक दीपक पटेल ने पूछा कि वासुदेव यादव सेवानिवृत्त कब हुए तो प्रमुख सचिव ने बताया कि 2014 में। इस पर विधायक मो.इरफान ने प्रमुख सचिव पर समिति को गुमराह करने का आरोप लगाया। विधायक अनुग्र्रह नारायण सिंह के मुताबिक इस पर प्रमुख सचिव ने व्यंग्य करते हुए कहा कि वे लोग अधिक जानते हैं। इससे सदस्यों में आक्रोश हुए। इसके अलावा वे खड़े होकर जवाब भी नहीं दे रहे थे, जबकि नियमानुसार उन्हें ऐसा करना चाहिए। इस पर विधायक दलवीर सिंह ने बैठक समाप्त करने की बात कही, जिसका सभी ने समर्थन किया। सभी का कहना था कि प्रमुख सचिव वासुदेव यादव को बचाने की मशक्कत कर रहे हैं, यह नहीं स्वीकार किया जा सकता। मंगलवार को समिति के अध्यक्ष सतीश महाना ने विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय को रिपोर्ट सौंप दी। श्री महाना का कहना है कि आश्वासन समिति की बैठक में प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार का रवैया बेहद चिंताजनक था। इस पर सभी सदस्यों ने आक्रोश जाहिर किया। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में प्रमुख सचिव के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की संस्तुति की है।

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