Friday 28 August 2015

डीजीएमई पर खींचतान, दो कॉलेज भी परेशान

--चिकित्सा शिक्षा में घमासान--
-पुनर्नियुक्ति के बाद मूल पद पर वापसी का फैसला
-डॉ.नवनीत कुमार व डॉ.केके गुप्ता की भी है चर्चा
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
प्रदेश के तेरह मेडिकल कालेजों में चल रही प्रवेश प्रक्रिया के बीच उनके मुखिया यानी चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक (डीजीएमई) पर पर खींचतान मची है। शासन स्तर पर अनिर्णय की स्थिति से दो मेडिकल कालेज भी परेशान हैं।
जानकारी के मुताबिक भारतीय चिकित्सा परिषद के चाबुक से बचने के लिए चिकित्सा शिक्षा में सेवानिवृत्ति आयु हाल ही में बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गयी थी। इस बाबत जारी शासनादेश में वे चिकित्सा शिक्षक शामिल नहीं हो सके थे, जो बीते सत्र में सेवानिवृत्त हो चुके थे और सत्र लाभ के कारण पदों पर तैनात थे। इनमें कई विभागाध्यक्षों के अलावा जालौन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ.सुरेश चन्द्रा व गोरखपुर मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ.केपी कुशवाहा के साथ राज्य के चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.वीएन त्रिपाठी भी शामिल थे। दरअसल डॉ.त्रिपाठी की नियुक्ति तो प्राचार्य के पद पर थी, किन्तु उनके पास चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक का कार्यभार भी था।
मंगलवार को शासन ने इन सभी की पुनर्नियुक्ति का आदेश तो जारी कर दिया, किन्तु ऐसी शर्तें लगाई कि गोरखपुर के प्राचार्य ने काम संभालने से इनकार कर दिया। इस तरह प्रवेश के इस दौर में ये दोनों कालेज कार्यवाहक प्राचार्य के सहारे हैं। इसी तरह पुनर्नियुक्ति के बाद प्रशासनिक फैसलों के बारे में कोई स्पष्ट आदेश न होने के कारण महानिदेशक डॉ.वीएन त्रिपाठी ने कार्यभार भी नहीं छोड़ा है और कोई नयी नियुक्ति भी नहीं हुई है। महानिदेशालय में आने वाली डाक आदि तो अपर निदेशक (प्रशासन) शारदा सिंह देख रही हैं, किन्तु कोई नीतिगत फैसला नहीं हो पा रहा है। इस खींचतान के बीच नए महानिदेशक को लेकर पेशबंदी व पैरोकारी शुरू हो गयी है। महानिदेशक रह चुके मेरठ मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ.केके गुप्ता तो इस पद के दावेदार माने ही जा रहे हैं, कानपुर मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ.नवनीत कुमार की दावेदारी को लेकर भी चर्चा है। इन दोनों लोगों के पैरोकार ज्वाइनिंग व आयोग से नियुक्ति की तिथि को आधार बनाकर उनके वरिष्ठ होने का दावा कर रहे हैं। फिलहाल मूल पदों पर वापसी के लिए दुबारा आवेदन मांगे जाने के बाद एक-एक कर आवेदन शुरू हो गए हैं। अपर निदेशक प्रशासन शारदा सिंह का कहना है कि फिलहाल कोई आदेश नहीं हुए हैं। एक-दो दिन में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

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