Monday 31 August 2015

अब हर मेडिकल कालेज और मंडल मुख्यालय पर हीमोफीलिया का इलाज

-24 घंटे जरूरी 'ब्लड फैक्टर चढ़ाने की सुविधा
-शासन से मिले 22 करोड़, कमी न होने के निर्देश
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
हीमोफीलिया से प्रभावित मरीजों के लिए खुशखबरी! अब सूबे के हर मेडिकल कालेज व मंडल मुख्यालय पर हीमोफीलिया का इलाज होगा।
हीमोफीलिया एक आनुवांशिक बीमारी है, जिसमें रक्त प्रोटीन की कमी हो जाने पर खून के थक्के जमने में बाधाएं आती हैं। खून में मौजूद 'थ्राम्बोप्लास्टिन नामक पदार्थ की भरपाई के लिए रक्त प्रोटीन यानी 'क्लॉटिंग फैक्टर की जरूरत पड़ती है। सामान्यत: 'फैक्टर-8 के नाम से चर्चित खून का यह अवयव बाजार में काफी महंगा मिलता है। सभी अस्पतालों में इसे चढ़ाने की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। अब शासन स्तर पर हीमोफीलिया का उपचार सुनिश्चित करने की पहल हुई है। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.वीएन त्रिपाठी ने बताया कि अब राज्य के हर मेडिकल कालेज और मंडल मुख्यालय के जिला अस्पताल में हीमोफीलिया के इलाज की सुविधा उपलब्ध रहेगी। यहां जांच की सुविधा तो रहेगी ही, रोगियों का पूरा इलाज भी कराया जाएगा। इसमें मरीजो को रक्त का 'फैक्टर-8 चढ़ाया जाता है। इसे नियमित रूप से चढ़वाना पड़ता है। खून निकलने या दुर्घटना की स्थिति में जल्दी-जल्दी चढ़ाना पड़ता है। इन अस्पतालों में चौबीस घंटे 'फैक्टर-8 चढ़ाने व हीमोफीलिया के अन्य इलाज की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इसके लिए प्रदेश सरकार से 22 करोड़ रुपये जारी हो गए हैं। साथ ही इस राशि को वार्षिक रूप से जारी करने पर सहमति बन गयी है, ताकि मरीजों को दिक्कत न हो। मरीजों को किसी तरह की कमी न होने देने के निर्देश भी दिये गए हैं।
क्या है हीमोफीलिया
हीमोफीलिया एक आनुवांशिक रोग है। इसमें शरीर से खून बहना शुरू होने की स्थिति में वह जमता नहीं है। इस रोग में खून के थक्का जमने का समय बढ़ जाता है। रक्त का बहना जल्दी बंद न होने से चोट या दुर्घटना में यह रोग जानलेवा साबित होता है।
सावधान, ये हैं लक्षण
-जगह-जगह नीले निशान बनना
-नाक से बार-बार खून बहना
-आंख के अंदर खून निकलना
-शरीर के जोड़ों में सूजन होना

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