Wednesday 17 February 2016

पांच लाख दो, वार्ड ब्वाय बनो


--आयुर्वेद भर्ती घोटाला--
-सुनवाई में आया फर्जी नियुक्ति पाया बस एक युवक
-कहा, चिकित्सा अधिकारी ने दिया था भर्ती का भरोसा
-----
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
आयुर्वेद अस्पतालों में फर्जी नियुक्ति के लिए सक्रिय नेटवर्क ने वार्ड ब्वाय की नौकरी दिलाने के लिए पांच लाख का रेट खोल रखा था। मामले की जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया है।
बीते दिनों आयुर्वेद विभाग में फर्जी नियुक्तियों का पूरा नेटवर्क पकड़ा गया है। मामले में जालौन के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ.डीके जैन और एक लिपिक मो.मियां को निलंबित किया जा चुका है। पूर्व क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ.धनीराम चंचल और ज्वाइन करने वाले युवक अनूप कुमार सोनकर के कागजातों का वेरीफिकेशन करने वाले बिजौली के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ.वीरेंद्र कुमार सोनकर से जवाब-तलब के साथ 19 फरवरी को सुनवाई के लिए राजधानी तलब किया गया है। घोटाले की जांच कर रहे संयुक्त निदेशक जेएस मिश्र ने फर्जी नियुक्ति पाने वाले सभी आठ युवकों को सुनवाई के लिए मंगलवार को राजधानी स्थित आयुर्वेद निदेशालय तलब किया था। इनमें से सिर्फ एक युवक फतेहपुर के अमौली निवासी धर्मेन्द्र प्रसाद ने ही सुनवाई में अपना पक्ष प्रस्तुत किया। धर्मेन्द्र ने बताया कि वह फर्जी नियुक्ति पाने वाले कुछ और युवकों को जानता है। एक चिकित्सक का नाम लेते हुए उसने बताया कि उन सबसे पांच-पांच लाख रुपये लिये गए थे। साथ ही कुछ अन्य लोगों से मिलवाकर उनके ज्वाइन करने व वेतन उठाने का हवाला दिया गया था। संयुक्त निदेशक ने बताया कि जिन चिकित्सकों व कर्मचारियों के नाम सामने आये हैं, उन्हें भी तलब किया गया है।
मेरा साला तो वेतन ले चुका
जांच पड़ताल में पता चला कि एक चिकित्सा अधिकारी ने भी फर्जी नियुक्ति पाने वाले युवकों से एक-एक कर मुलाकात की। दलालों का निशाना दलित युवक ज्यादा थे और उन्हें अपना सजातीय बताकर उक्त अधिकारी ने कहा कि वह सबको भर्ती कराएगा। अपनी बात साबित करने के लिए कहा कि वह अपने साले की भी नौकरी लगवा चुका है और वह तीन माह का वेतन भी ले चुका है। अब उक्त चिकित्सक को तलब करने के साथ उसके साले का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है।
तीन लोग करते थे दलाली
फर्जी नियुक्ति पत्र पाने वाले एक युवक ने बताया कि कानपुर, फतेहपुर व जालौन में तीन लोग भर्ती के लिए दलाली का काम करते थे। रिजवान, असलम व मन्नू नाम के ये तीनों लोग मामले का खुलासा होने के बाद से गायब हैं। इन लोगों ने ही बेरोजगार युवकों को आयुर्वेद विभाग के अफसरों व कर्मचारियों से मिलवाया। भरोसा दिलाने के लिए लखनऊ में निदेशालय तक लेकर आए और यहां बात कराई। बाद में सब ओर से आश्वस्त कर घूस की रकम ली गयी।

No comments:

Post a Comment