Thursday 4 February 2016

मेडिकल कालेज प्राचार्यों की वरिष्ठता सूची पर विवाद


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- यूपी स्टेट पब्लिक सर्विस ट्रिब्यूनल पहुंचा मामला
- नई सूची से चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक बाहर
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : मेडिकल कालेजों के प्राचार्यों की वरिष्ठता सूची पर विवाद हो गया है। पुरानी सूची पर विवादों के बाद बीती 27 जनवरी को जिस वरिष्ठता सूची को अंतिम रूप दिया गया, उस सूची के खिलाफ भी पब्लिक सर्विस ट्रिब्यूनल में शिकायत की गयी है। नई सूची से चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक को बाहर कर दिया गया है।
प्रदेश के मेडिकल कालेजों के प्राचार्यों की वरिष्ठता सूची को लेकर तमाम आपत्तियां की गयी थीं। डॉ.केके गुप्ता व डॉ.आनंद स्वरूप ने वरिष्ठता सूची में चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक को ऊपर रखे जाने पर आपत्ति जताई थी। इस पर डॉ.त्रिपाठी को 31 अक्टूबर से 2014 से सेवानिवृत्त मानकर उन्हें सूची से बाहर कर दिया गया है। डॉ.गणेश कुमार ने कार्यवाहक प्राचार्य के रूप में काम को जोडऩे व डॉ.आरके सिंह ने नियुक्ति तारीखों में संशोधन पर आपत्ति जताई थी। डॉ.नवनीत कुमार ने ज्येष्ठता सूची में उनके आठवें स्थान पर रखे जाने पर आपत्ति जाहिर की थी। इन सभी आपत्तियों का निस्तारण करते हुए 27 जनवरी को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नयी वरिष्ठता सूची जारी कर दी। इसमें सबसे लंबी उछाल डॉ.नवनीत कुमार की रही और वे आठवें स्थान से पहले स्थान पर आ गए। इसमें डॉ.केके गुप्ता दूसरे, डॉ.एसपी सिंह तीसरे, डॉ.आनंद स्वरूप चौथे, डॉ.आरके सिंह पांचवें, डॉ.गणेश कुमार छठे और डॉ.एनके प्रजापति सातवें स्थान पर हैं।
उल्लेखनीय है कि शासन में आपत्ति के अलावा कानपुर मेडिकल कालेज के प्राचार्य रहे डॉ.आनंद स्वरूप ने राज्य पब्लिक सर्विस ट्रिब्यूनल में वरिष्ठता सूची को अंतिम रूप देने की याचिका लगाई थी। इस बीच नयी वरिष्ठता सूची आ जाने पर ट्रिब्यूनल ने 29 जनवरी डॉ.स्वरूप की याचिका समाप्त कर दी थी। इसके बाद डॉ.स्वरूप नयी वरीयता सूची के खिलाफ पुन: ट्रिब्यूनल की शरण में गए हैं। उन्होंने 27 जनवरी की वरिष्ठता सूची को अवैध करार देते हुए इसके आधार पर कोई प्रोन्नतियां व नियुक्तियां न करने की मांग की है। ट्रिब्यूनल ने इस मसले पर प्रदेश शासन से जवाब मांगा है।

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