Wednesday 17 February 2016

आयुर्वेद भर्ती घोटाले में एक और निलंबित

-दो और डॉक्टर कठघरे में, सुनवाई को राजधानी तलब
-पुलिस नहीं लिख रही मुकदमा, एसएसपी से शिकायत
राज्य ब्यूरो, लखनऊ
आयुर्वेद विभाग में फर्जी नियुक्तियों के घोटाले में क्षेत्रीय अधिकारी के बाद अब एक और कर्मचारी निलंबित किया गया है। अब तक की जांच में दो और डॉक्टर कठघरे में हैं, जिन्हें सुनवाई के लिए राजधानी तलब किया गया है। तहरीर दिये जाने के बाद भी हजरतगंज पुलिस मुकदमा नहीं लिख रही है, इसलिए एसएसपी से मामले की शिकायत की गयी है।
बीते दिनों आयुर्वेद विभाग में फर्जी नियुक्तियों के बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। जालौन के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ.डीके जैन को निलंबित किया जा चुका है। मामले की जांच कर रहे संयुक्त निदेशक जेएस मिश्र के मुताबिक डॉ.जैन को निदेशालय से संबद्ध करने के साथ कार्यालय प्रभारी मो.मियां को भी निलंबित कर दिया गया है। अब तक की जांच में दो अन्य चिकित्सक भी कठघरे में आ रहे हैं। पूर्व क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ.धनीराम चंचल और ज्वाइन करने वाले युवक अनूप कुमार सोनकर के कागजातों का वेरीफिकेशन करने वाले बिजौली के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ.वीरेंद्र कुमार सोनकर से जवाब-तलब के साथ 19 फरवरी को सुनवाई के लिए राजधानी तलब किया गया है। उधर फर्जी नियुक्ति का स्पष्ट प्रमाण मिलने के बाद भी मामले में अब तक मुकदमा कायम नहीं हुआ है। 11 फरवरी को आयुर्वेद निदेशालय से हजरतगंज थाने में तहरीर दी गयी थी किन्तु अब तक पुलिस तहरीर सहेज कर रखे हुए है। दस दिन पहले लिखाए गए मुकदमे में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आयुर्वेद निदेशक डॉ.सुरेश चंद्र ने चार दिन बाद भी मुकदमा न लिखे जाने पर सोमवार को लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और हजरतगंज क्षेत्राधिकारी को पत्र लिखकर मामले की शिकायत की है। उन्होंने बताया कि मुकदमा न लिखे जाने से अपराधियों के हौसले बुलंद होंगे। पहले मुकदमे में भी पुलिस की जिम्मेदारी है कि गिरफ्तारी कर दोषियों को जेल भेजे।
बड़े गैंग के स्पष्ट संकेत
अब तक की जांच में सामने आये तथ्यों से स्पष्ट है कि इन फर्जी नियुक्तियों के पीछे बड़ा गैंग काम कर रहा है। जांच अधिकारी के मुताबिक क्षेत्रीय आयुर्वेद अधिकारी डॉ.डीके जैन चार नवंबर को डॉ.धनीराम चंचल को कार्यभार सौंप कर छुïट्टी पर गए थे। पांच नवंबर को अनूप सोनकर की नियुक्ति का पहला फर्जी नियुक्ति आदेश सामने आया और आनन-फानन में नौ नवंबर को ज्वाइन भी करा दिया गया। बाद में डॉ.जैन वापस आए तो उन्होंने वेतन भी निकाल दिया। इससे स्पष्ट है कि बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। जिन लोगों के नाम-पते पर फर्जी नियुक्ति आदेश जारी हुए हैं, उन्हें भी नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए लखनऊ बुलाया गया है।

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