-लखनऊ व नोएडा से शुरुआत, फिर पूरे प्रदेश में होगा लागू
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : यदि आपने गाड़ी बीच सड़क पर खड़ी कर दी है या फिर टैम्पो चालक अराजकता के साथ वाहन चला रहा है, तो परिवहन विभाग उसके रुकने का इंतजार नहीं करेगा। लखनऊ व नोएडा से शुरू कर पूरे प्रदेश में यातायात अराजकता पर अंकुश के लिए ई-चालान प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है।
तकनीकी उन्नयन के साथ परिवहन विभाग यातायात अराजकता पर ऑनलाइन सक्रियता बढ़ाने जा रहा है। परिवहन आयुक्त के. रविन्द्र नायक ने अधिकारियों के साथ बैठक कर ई-चालान प्रणाली लागू करने की तैयारियों की समीक्षा की। बताया गया कि सड़क पर वाहनों की अराजकता की शिकायतें आती रहती हैं किन्तु परिवहन विभाग के अफसरों के रोकने से वाहन चालक रुकते तक नहीं है। इस पर नियंत्रण के लिए ई-चालान प्रणाली बेहद प्रभावी साबित होगी। इसके अंतर्गत परिवहन विभाग के कर्मचारियों के पास टेबलेट होगा, जिस पर ऑनलाइन सभी वाहनों का ब्योरा उपलब्ध होगा। अराजकता का हिस्सा बने वाहन का नंबर डालते ही उक्त वाहन के मालिक का पता व अन्य ब्योरा सामने आ जाएगा। यही नहीं, उसके अपराध का कोड नंबर डालते ही अपराध व जुर्माने सहित पूरा ब्योरा आ जाएगा। इसके साथ ही चालान बनकर तैयार होगा। यदि वाहन चालक रुकेगा, तो उसे वहीं चालान की राशि भुगतान की तिथि के साथ चालान सौंप दिया जाएगा। वाहन चालक के न रुकने पर वाहनस्वामी के घर के पते पर चालान भेजा जाएगा। लखनऊ व नोएडा में जल्द ही इस परियोजना की प्रायोगिक शुरूआत होगी। इसके बाद पूरे प्रदेश में इसे लागू कर दिया जाएगा।
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : यदि आपने गाड़ी बीच सड़क पर खड़ी कर दी है या फिर टैम्पो चालक अराजकता के साथ वाहन चला रहा है, तो परिवहन विभाग उसके रुकने का इंतजार नहीं करेगा। लखनऊ व नोएडा से शुरू कर पूरे प्रदेश में यातायात अराजकता पर अंकुश के लिए ई-चालान प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है।
तकनीकी उन्नयन के साथ परिवहन विभाग यातायात अराजकता पर ऑनलाइन सक्रियता बढ़ाने जा रहा है। परिवहन आयुक्त के. रविन्द्र नायक ने अधिकारियों के साथ बैठक कर ई-चालान प्रणाली लागू करने की तैयारियों की समीक्षा की। बताया गया कि सड़क पर वाहनों की अराजकता की शिकायतें आती रहती हैं किन्तु परिवहन विभाग के अफसरों के रोकने से वाहन चालक रुकते तक नहीं है। इस पर नियंत्रण के लिए ई-चालान प्रणाली बेहद प्रभावी साबित होगी। इसके अंतर्गत परिवहन विभाग के कर्मचारियों के पास टेबलेट होगा, जिस पर ऑनलाइन सभी वाहनों का ब्योरा उपलब्ध होगा। अराजकता का हिस्सा बने वाहन का नंबर डालते ही उक्त वाहन के मालिक का पता व अन्य ब्योरा सामने आ जाएगा। यही नहीं, उसके अपराध का कोड नंबर डालते ही अपराध व जुर्माने सहित पूरा ब्योरा आ जाएगा। इसके साथ ही चालान बनकर तैयार होगा। यदि वाहन चालक रुकेगा, तो उसे वहीं चालान की राशि भुगतान की तिथि के साथ चालान सौंप दिया जाएगा। वाहन चालक के न रुकने पर वाहनस्वामी के घर के पते पर चालान भेजा जाएगा। लखनऊ व नोएडा में जल्द ही इस परियोजना की प्रायोगिक शुरूआत होगी। इसके बाद पूरे प्रदेश में इसे लागू कर दिया जाएगा।
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