Tuesday 16 February 2016

किशोरों की सुधरी सेहत, देगी बढ़ती आबादी से राहत


--अपनी समस्याएं, अपने समाधान--
-मुख्य सचिव के सामने रखा गया नयी जनसंख्या नीति का प्रारूप
-जीवन चक्र की समीक्षा के साथ जरूरतों के अनुरूप आए सुझाव
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ: उत्तर प्रदेश की नयी जनसंख्या नीति में किशोरों की सेहत सुधारने पर सबसे ज्यादा जोर दिया जाएगा। अगले 15 वर्षों के लिए प्रस्तावित इस नीति का प्रारूप सोमवार को मुख्य सचिव आलोक रंजन के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इस दौरान मातृ मृत्यु दर घटाने व शत प्रतिशत टीकाकरण पर जोर दिया गया।
उत्तर प्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का दूसरा बड़ा राज्य तथा जनसंख्या के आधार पर सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। इस समय प्रदेश की जनसंख्या 19.98 करोड़ और जनसंख्या वृद्धि दर 20.23 प्रतिशत है। प्रदेश सरकार ने 2016 से 2030 तक 15 वर्षों के लिए प्रदेश की जरूरतों के अनुरूप नयी जनसंख्या नीति बनाने का जिम्मा सिफ्सा और पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया को सौंपा। सोमवार को सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी केशव देसी राजू, प्रो. रवि वर्मा व डॉ.संजय पांडेय ने मुख्य सचिव आलोक रंजन की उपस्थिति में प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार, प्रमुख सचिव (नियोजन) आरपी सिंह, एनएचएम निदेशक अमित घोष, यूपीएचएसडीपी निदेशक आलोक कुमार, टीएसयू प्रभारी विकास गोथलवाल के समक्ष नयी नीति का प्रारूप प्रस्तुत किया। इसमें किशोर व किशोरियों के स्वास्थ्य पर सर्वाधिक जोर दिया गया है। वजह बतायी गयी कि किशोर-किशोरियां ही भविष्य के माता-पिता होते हैं और उनकी जागरूकता से स्थितियां बदल सकती हैं। जीवनचक्र की समीक्षा के सुझाव भी दिये गए हैं।
लड़के की चाह से मिले मुक्ति
नयी नीति में सर्वाधिक जोर लड़के की चाह से मुक्ति दिलाने पर है। लैंगिक समानता पर जोर देने के साथ महिला सशक्तीकरण को इसका एकमात्र उपाय बताया गया है। हर नागरिक तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कर बिना भेदभाव के सबकी जरूरतों का ध्यान रखा जाए। छात्र-छात्राओं को शिक्षा में समान मौके देने के साथ सामाजिक रूप से छात्राओं को सुरक्षित महसूस कराने पर भी जोर दिया गया है।
शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य
नयी नीति में 2020 तक 80 फीसद और 2030 तक शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। इस समय प्रदेश की मातृ मृत्यु दर 258 प्रति लाख है, इसे 2022 तक 165 व 2030 तक 100 प्रति लाख करने का लक्ष्य रखा गया है। संपूर्ण प्रसव पूर्ण चेकअप को सुनिश्चित करने व परिवार नियोजन कार्यक्रम प्रभावी रूप से लागू करने की बात भी नीति का हिस्सा है।

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