Friday 5 February 2016

आयुर्वेद विभाग में फर्जी नियुक्तियां


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-आदेश लेकर ज्वाइन करने पहुंचा अभ्यर्थी
-सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का भी हवाला
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : आयुर्वेद विभाग में फर्जी नियुक्तियों का मामला सामने आया है। सात लोगों को चार जिलों में नियुक्त करने का आदेश लेकर अभ्यर्थी ज्वाइन करने पहुंचा तो मामला पकड़ा गया। आदेश में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का भी हवाला दिया गया है।
फतेहपुर जिले के ग्र्राम अमौली का रहने वाला आशीष कुमार गुरुवार को क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अधिकारी हमीरपुर के कार्यालय में ड्यूटी ज्वाइन करने पहुंचा। आशीष ने अपना नियुक्ति पत्र उनके समक्ष प्रस्तुत किया जिसमें उसके साथ छह और लोगों के नियुक्ति आदेश हैं। फतेहपुर के अमौली के ही धर्मेन्द्र प्रसाद को हमीरपुर व जगन सिंह सचान को उरई में नियुक्ति दी गयी है। इसके अलावा आनंद विहार कानपुर के अनुज सोनकर, कर्नेलगंज कानपुर के राजीव कुमार और नई बस्ती बजरंग बिहार कानपुर के श्रीलाल को क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अधिकारी कानपुर और उन्नाव के गांव बिगहौरा चन्दनपुर के मिथलेश कुमार को उन्नाव में नियुक्ति का आदेश भी उसी पत्र में शामिल है। आयुर्वेद निदेशक प्रो.सुरेश चंद्र की ओर से 29 जनवरी 2016 को जारी उक्त नियुक्ति आदेश में सर्वोच्च न्यायालय के सात मार्च 2014 के एक फैसले का हवाला देकर इन सभी को चतुर्थ श्रेणी कार्मिक के रूप में वेतनमान 5200-20200, ग्र्रेड पे 1800 के अंतर्गत तत्काल ज्वाइन कराने की बात कही गयी है। हमीरपुर के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी के पास मामला पहुंचा तो उन्हें शक हुआ। उन्होंने निदेशालय में उक्त नियुक्ति आदेश की प्रति भेज कर पूछा तो यहां पड़ताल शुरू हुई। पता चला कि यह आदेश फर्जी है। आदेश में जिस क्रमांक का जिक्र है, वह जारी ही नहीं हुआ है। निदेशक ने अपने हस्ताक्षर भी फर्जी होने की बात कही है।
मुकदमे व विभागीय जांच के आदेश
 प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) डॉ.अनूप चंद्र पाण्डेय ने मामले में मुकदमा दर्ज कराने और विभागीय जांच के आदेश दिये हैं। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद निदेशक ने उन्हें मामले की जानकारी दी है। उन्होंने तुरंत मुकदमा दर्ज कराने को कहा है। साथ ही विभागीय जांच भी कराई जाएगी, ताकि इसमें किसी नेटवर्क या विभागीय संलिप्तता का पता चल सके। 

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