Tuesday 5 January 2016

कार्ड से बीमारी खोज डॉक्टर की बात सुनाएंगी आशा


-मोबाइल कुंजी व अकादमी का इस्तेमाल बढ़ाने के निर्देश
-31 जनवरी तक प्रशिक्षण पूरा हो सभी जिलों में प्रशिक्षण
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : सात साल की रमा को उल्टी-दस्त हो रहे हैं। अस्पताल दूर है और रमा की मां परेशान। वह भाग कर गांव की आशा कार्यकर्ता के पास पहुंची। आशा कार्यकर्ता ने एक छल्ला निकाला, उसमें फंसे तमाम सारे काड्र्स में से एक कार्ड निकाला। उसमें लिखा नंबर अपने मोबाइल से मिलाया और रमा की मां के कान में लगा दिया। रमा की मां को फोन पर डॉक्टर ने कुछ टिप्स दिये और उनके अनुपालन से रमा की हालत सुधरनी भी शुरू हो गयी।
यह कहानी रमा, उसकी मां और आशा के बीच की है, पर अब इसे पूरे प्रदेश में दोहराने की तैयारी है। आशा कार्यकर्ताओं को मोबाइल कुंजी व अकादमी से जोडऩे के बावजूद प्रशिक्षण के अभाव में वे उसका इस्तेमाल नहीं कर रही हैं। अब स्वास्थ्य विभाग ने हर हाल में 31 जनवरी तक सभी आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण पूरा करने के निर्देश दिये हैं। दरअसल स्वास्थ्य विभाग ने मोबाइल कुंजी के तहत पचास से अधिक काड्र्स का सेट और सिम कार्ड के साथ मोबाइल फोन हर आशा कार्यकर्ता को दिया है। हर कार्ड पर गर्भावस्था, प्रसव, नवजात शिशु की देखभाल, साफ-सफाई और बच्चों की बीमारी से जुड़े समस्याओं व जरूरी सलाह अलग-अलग लिखी हैं। उस समस्या व बीमारी के लिए अलग-अलग नंबर आवंटित किये गए हैं। आशा कार्यकर्ता को वही बीमारी देखकर अपने मोबाइल से नंबर मिलाना होगा, जिसके बाद उधर से पहले से रिकार्ड डॉक्टर की आवाज आती है। डॉक्टर से मिली जानकारी का पालन करने पर लाभ मिलता है। हर कार्ड के पीछे संबंधित बीमारी व समस्या से जुड़ा एक दोहा भी लिखा है, जिसका मतलब भी आशा कार्यकर्ता को पढ़कर समझाना होगा। इस प्रक्रिया को ठीक प्रकार से लागू करने के लिए प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार ने आदेश जारी कर 31 जनवरी तक हर हाल में सभी आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण पूरा करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि 25 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में तो प्रशिक्षण कार्यक्रम का एक दौर पूरा ही हो चुका है, वहां समयबद्ध ढंग से प्रशिक्षण पूरा करने के निर्देश दिये गए हैं। इसके अलावा अन्य जिलों में भी तत्काल प्रशिक्षण शुरू करने के निर्देश दिये हैं। अगले माह से हर हाल में सभी आशा कार्यकर्ता मोबाइल कुंजी व मोबाइल एकेडमी का प्रयोग शुरू कर दें।
संवाद का रिश्ता होगा मजबूत
प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार के अनुसार मोबाइल कुंजी व मोबाइल एकेडमी के प्रचुर प्रयोग से आशा व ग्र्रामीणों के बीच संवाद का रिश्ता और मजबूत होगा। जिन्हें डॉक्टर की सलाह सीधे सुनाई जाती है, उनका इलाज व सलाह के प्रति भरोसा बढ़ता है, वहीं आशा कार्यकर्ता का आत्मविश्वास बढ़ता है। उपचार के अलावा परिवार कल्याण व स्वास्थ्य रक्षा में भी यह प्रक्रिया खासी उपयोगी साबित होगी। 

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