Thursday 7 January 2016

अब जच्चा-बच्चा की पड़ताल का अभियान

-ऑनलाइन सहेजी जाएगी आठ फरवरी से सात मार्च तक की मुहिम
-गर्भवती महिलाओं व पांच साल तक के बच्चों की होगी पूरी ट्रैकिंग
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : स्वास्थ्य विभाग अगले महीने जच्चा-बच्चा की पड़ताल के लिए विशेष अभियान शुरू करेगा। इसके अंतर्गत एक माह तक प्रदेश की सभी गर्भवती महिलाओं और पांच साल तक के बच्चों की जानकारी एकत्र कर उसे ऑनलाइन सहेजा जाएगा। गर्भावस्था के दौरान जरूरी चिकित्सकीय सहायता व बच्चों के टीकाकरण की ट्रैकिंग भी की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग 27 जनवरी से पांच फरवरी तक मातृत्व सप्ताह का आयोजन कर रहा है। इसके बाद आठ फरवरी से सात मार्च तक मातृ एवं शिशु ट्रैकिंग सिस्टम (एमसीटीएस) को मजबूत करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार ने इस बाबत आदेश जारी कर कहा है कि इस दौरान हर जिले में सभी गर्भवती महिलाओं व पांच वर्ष तक के बच्चों का पंजीकरण किया जाएगा। इनमें उन महिलाओं को अलग से चिह्नित किया जाएगा, किनकी गर्भावस्था को गंभीर मानकर उनके लिए विशेषज्ञ प्रसव की आवश्यकता होगी। इसके अलावा ढाई किलोग्राम से कम वजन वाले बच्चों को भी चिह्नित किया जाएगा। जिला स्तर पर जिलाधिकारी स्वयं अभियान पर नजर रखेंगे और ब्लाक स्तर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठकों में स्वयं मौजूद रहेंगे। अभियान के दौरान गर्भवती महिलाओं की एएनसी सेवाओं की रिपोर्टिंग, प्रसव में जटिलता व रक्तअल्पता वाली गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग एवं कम वजन वाले बच्चों की ट्रैकिंग के लिए ब्लाक स्तर पर आंकड़े ऑनलाइन अपडेट किये जाएंगे। साथ ही जच्चा-बच्चा के रक्त में हीमोग्लोबिन सात से कम होने पर उसे सतर्कता सूची में डाल दिया जाएगा।
...तो घट जाएगा बजट
अभियान के लिए जारी शासनादेश में लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सतर्क रहने को कहा गया है। बताया गया है कि एमसीटीएस पोर्टल में लक्ष्य के अनुरूप आंकड़े अपडेट न होने पर केंद्र सरकार वर्ष 2016-17 के बजट में पांच प्रतिशत की कटौती कर लेगी। इसलिए लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लक्ष्य न पूरा कर पाने वाले जिलों के प्रभारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी, वहीं सबसे अधिक लक्ष्य प्राप्त करने वाले पांच जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा।

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