Saturday 9 January 2016

चार मेडिकल कालेजों को केंद्र की मंजूरी, एक फंसा


-फैजाबाद, शाहजहांपुर, फीरोजाबाद व बस्ती को मिली हरी झंडी
-दस किलोमीटर से ज्यादा दूर अस्पताल के कारण बहराइच लंबित
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ
उत्तर प्रदेश में केंद्रीय मदद से प्रस्तावित पांच मेडिकल कालेजों में से चार को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गयी है। फैजाबाद, शाहजहांपुर, फीरोजाबाद और बस्ती के कालेजों को मंजूरी के साथ ही बहराइच के कालेज को तकनीकी कारणों से रोक दिया गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग विसंगति दूर करने के प्रयासों में जुटा है।
केंद्र सरकार ने विशेष आर्थिक सहायता देकर पूरे देश में 50 नए मेडिकल कालेज खोलने का प्रस्ताव किया है। इनमें से पांच मेडिकल कालेज उत्तर प्रदेश में खोले जाने हैं। इनके निर्माण व संचालन में आने वाले खर्च का 70 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार वहन करेगी और शेष 30 प्रतिशत की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी। प्रदेश सरकार ने बहराइच, फैजाबाद, शाहजहांपुर, फीरोजाबाद व बस्ती में मेडिकल कालेज खोलने का प्रस्ताव किया था। इसमें तय हुआ है कि इन जिलों के जिला अस्पतालों को मेडिकल कालेज से संबद्ध कर मेडिकल कालेज अस्पताल का दर्जा दे दिया जाएगा। इसे प्रदेश सरकार अपने हिस्से के तीस फीसद खर्चे में समायोजित करेगी। इस तरह नये मेडिकल कालेज की स्थापना केंद्र सरकार के धन से ही हो जाएगी।
चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय ने इन सभी प्रस्तावित मेडिकल कालेजों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर भेजी थी। इनमें से फैजाबाद, शाहजहांपुर, फीरोजाबाद और बस्ती के मेडिकल कालेजों को केंद्र सरकार से हरी झंडी भी मिल गयी है। सिर्फ बहराइच का प्रस्तावित मेडिकल कालेज फंसा है। भारतीय चिकित्सा परिषद के नए मानकों के अनुसार मेडिकल कालेज के दस किलोमीटर परिधि के भीतर अस्पताल होने पर संबंधित संस्थान को मंजूरी दे दी जाती है। अन्य जिलों के प्रस्तावित मेडिकल कालेज परिसर जिला अस्पताल से दूर नहीं हैं। बहराइच का प्रस्तावित परिसर जिला अस्पताल से दस किलोमीटर से अधिक दूरी पर है। इस कारण उसे अभी मंजूरी नहीं मिली है। इस संबंध में प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) डॉ.अनूप चंद्र पाण्डेय ने बताया कि जिन चार मेडिकल कालेजों को मंजूरी मिली है, उनके जमीन आदि के कागजात भेजकर जल्द ही उन्हें धरातल पर लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बहराइच में अस्पताल दूर होने का तर्क रखा गया है। प्रतिवेदन देकर इस समस्या का समाधान खोजा जाएगा। अस्पताल से निर्धारित दूरी पर जमीन भी तलाशी जाएगी।
एक कालेज पर 500 करोड़ खर्च
एक मेडिकल कालेज बनाने में औसत खर्च 500 करोड़ रुपये के आसपास आने की उम्मीद है। केंद्र से इस राशि का बड़ा हिस्सा मिल जाने से इनका निर्माण आसान हो जाएगा। हाल ही में बने या निर्माणाधीन कालेजों की बात करें तो सहारनपुर मेडिकल कालेज के लिए 510 करोड़, बांदा के लिए 404 करोड़, जालौन के लिए 388 करोड़, बदायूं के लिए 542 करोड़, आजमगढ़ के लिए 497 करोड़, अम्बेडकर नगर के लिए 496 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गयी है।

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