Monday 4 January 2016

योजना से बीमारी खत्म, शादी पर जोर

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-पुनर्जीवित होगी पिछड़ा वर्ग विभाग की शादी बीमारी योजना
-विवाह पर सहायता राशि दोगुनी करने का प्रस्ताव
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : पिछड़ा वर्ग विभाग की शादी बीमारी योजना को पुनर्जीवित करने के लिए उससे बीमारी खत्म कर शादी पर जोर देने का प्रस्ताव किया गया है। विभाग गरीब पिछड़ों के विवाह पर सहायता राशि दस हजार से बढ़ाकर 20 हजार करने जा रहा है।
वर्ष 2007-08 से प्रदेश सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे के अन्य पिछड़े वर्ग के परिवारों की पुत्रियों की शादी के लिए दस हजार व गंभीर बीमारी से पीडित लोगों को पांच हजार रुपये अनुदान देने का प्रावधान किया था। वर्ष 2013-14 तक योजना संचालित भी हुई, किन्तु बंद कर दी गयी। इस योजना में वर्ष 2009-10 व 2010-11 में 40-40 करोड़, 2011-12 में 50 करोड़ और 2012-13 में 90.18 करोड़ रुपये खर्च किए गए। वर्ष 2013-14 में 150 करोड़ रुपये मिले, जिसमें 112.49 करोड़ रुपये खर्च कर 1,11,649 लोगों को शादी व 1877 लोगों को बीमारी में अनुदान दिया गया। योजना के अंतिम पांच वर्षों में कुल उपलब्ध 370.33 करोड़ राशि में से 332.66 करोड़ रुपये खर्च कर 3,37,325 लोगों को लाभ पहुंचाया गया। पिछड़ा वर्ग विभाग के सचिव डा.हरिओम के मुताबिक समीक्षा में पाया गया कि यह योजना खासी लोकप्रिय थी, इसलिए इसे नए सिरे से शुरू करने का फैसला हुआ है। दरअसल यह योजना लंबित थी और हर वर्ष इसके लिए टोकेन बजट का भी इंतजाम होता था। अब इसे अगले वर्ष से नए प्रारूप में शुरू किया जाएगा। इस बाबत विस्तृत प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है।
पिछड़ा वर्ग विभाग की निदेशक पुष्पा सिंह के मुताबिक इस योजना के लिए अगले वित्तीय वर्ष में 150 करोड़ रुपये का प्रारंभिक प्रावधान करते हुए नए सिरे से प्रस्ताव बनाया गया है। इसके परिवर्तित रूप में इसे शादी अनुदान योजना के रूप में जाना जाएगा और बीमारी अनुदान की व्यवस्था को खत्म कर दिया जाएगा। दरअसल जब यह इस योजना में बीमारी को शामिल किया गया था, तब सरकारी अस्पतालों में इलाज पूरी तरह मुफ्त नहीं था। अब हर तरह का इलाज मुफ्त है और गरीबों के लिए तो कैंसर जैसे रोगों का इलाज भी मुफ्त मुहैया कराने की सुविधा है। इसलिए नये प्रस्ताव में शादी अनुदान पर जोर दिया गया है। यह अनुदान भी दस हजार रुपये से बढ़ाकर बीस हजार रुपये करने का प्रस्ताव है।
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