Tuesday 5 January 2016

आयुर्वेद के टेलीमेडिसिन केंद्र से सबका इलाज

-लखनऊ के आयुर्वेदिक कालेज से होगी शुरुआत
-तीन सीमावर्ती केंद्रों से जोड़कर मिलेगी उपचार की सुविधा
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : आयुर्वेदिक चिकित्सा को आधुनिक स्वरूप में सर्वसुलभ बनाने के लिए टेलीमेडिसिन केंद्रों की स्थापना का फैसला हुआ है। आयुष मिशन की पहल पर इसकी शुरुआत राजधानी लखनऊ से हो रही है। यहां से तीन सीमावर्ती केंद्रों को जोड़कर उपचार की सुविधा दिलाई जाएगी।
आयुर्वेद को जनता से सीधे जोडऩे के लिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में टेलीमेडिसिन केंद्रों की स्थापना को मंजूरी दी है। प्रदेश आयुष मिशन को इस पूरी योजना की मॉनीटङ्क्षरग का जिम्मा सौंपा गया है। इस योजना के तहत आयुर्वेदिक कालेजों को आधार बनाकर आसपास के जिलों को जोड़ते हुए टेलीमेडिसिन उपचार का नेटवर्क बनाया जाएगा। एक केंद्र पर कुल मिलाकर पचास लाख रुपये खर्च होंगे, जिसमें से 35 लाख रुपये में मुख्य संचार केंद्र विकसित किया जाएगा, वहीं 15 लाख रुपये में आसपास के तीन जिलों में सीमावर्ती केंद्र विकसित किये जाएंगे। इन सीमावर्ती केंद्रों में पहुंचने वाले लोगों की समस्याएं सुनकर ऑनलाइन उन्हें आयुर्वेदिक कालेज स्थित मुख्य केंद्र तक भेजा जाएगा। जरूरत पर वीडियो कांफ्रेंसिंग जैसी सुविधाएं भी मुहैया होंगी, साथ ही मरीजों की जांच रिपोर्ट ऑनलाइन मुख्य केंद्र तक पहुंचेगी। इसके बाद आयुर्वेदिक कालेज के चिकित्सक जो उपचार बताएंगे, उसके अनुरूप इन केंद्रों पर मौजूद विभागीय समन्वयक मरीजों को जानकारी देंगे और उनका पूरा इलाज होगा।
प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) डॉ.अनूप चंद्र पाण्डेय के अनुसार इस योजना की शुरुआत लखनऊ के राजकीय आयुर्वेदिक कालेज को नोडल सेंटर के रूप में विकसित करके की जाएगी। उत्तर प्रदेश राज्य आयुष सोसायटी की कार्यकारी परिषद ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। लखनऊ के आयुर्वेदिक कालेज के प्राचार्य से टेलीमेडिसिन केंद्र की स्थापना के लिए आयुष मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुरूप विस्तृत कार्ययोजना मांगी गयी है। कार्ययोजना का परीक्षण कर काम शुरू कराने के लिए कालेज को पचास फीसद राशि तुरंत जारी कर दी जाएगी। इस टेलीमेडिसिन केंद्र की सफलता के बाद राज्य के अन्य हिस्सों में भी ऐसे ही केंद्र खोलने का प्रस्ताव है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना से लाभान्वित हो सकें।

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