Tuesday 8 December 2015

लापरवाह व भ्रष्ट तीन आयुर्वेद कर्मी निलंबित

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-निदेशक के निरीक्षण में गैरहाजिर मिले अफसर
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : लापरवाह व भ्रष्ट आयुर्वेद कर्मियों पर अनुशासन का डंडा चलाया गया है। ऐसे तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। आयुर्वेद निदेशक के निरीक्षण में गैरहाजिर मिले अधिकारियों-कर्मचारियों से जवाब तलब भी किया गया है।
आयुर्वेद विभाग में अराजकता चरम पर है। बीते दिनों शासन स्तर से लापरवाह व भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई के सख्त संदेश दिये गए थे। इस पर हरदोई के फार्मासिस्ट सतीश चंद्र को निलंबित कर दिया गया है। सतीश पर अनुशासनहीनता व शासन के आदेशों का पालन न करने का आरोप था। बनारस में भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए प्रिंस कुमार पाण्डेय व स्वामीनाथ राम को भी निलंबित कर दिया गया है। इन दोनों पर घूस लेने के आरोप थे और पुष्टि भी हुई थी। आयुर्वेद निदेशक प्रो. सुरेश चंद्र ने रायबरेली व फतेहपुर के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अधिकारी कार्यालयों का निरीक्षण किया तो पता चला कि अधिकारी व कर्मचारी मनमाने ढंग से गैरहाजिर हो जाते हैं। रायबरेली के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा.शशिधर त्रिवेदी भी अनुपस्थित मिले। स्टाफ नर्स ममता हस्ताक्षर कर गायब थी। कर्मचारियों रमेश चंद्र तिवारी, लल्ले सिंह व मो. तौफीक के हस्ताक्षर तो थे, किन्तु कार्यालय में नहीं मिले। इस पर रजिस्टर जब्त कर जांच कराई जा रही है। इनसे जवाब भी मांगा गया है। स्पष्टीकरण आने के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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