Tuesday 29 December 2015

अगले साल 123 पीएमएस डॉक्टर बनेंगे विशेषज्ञ


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-मेडिकल परास्नातक में प्रवेश के लिए 15 जनवरी तक मांगे आवेदन
-पांच साल नौकरी छोड़ी तो पूरे वेतन संग देने पड़ेंगे दस लाख रुपये
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश सरकार अगले शैक्षिक सत्र 2016-17 में प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) के 123 डॉक्टरों को विशेषज्ञ बनाएगी। प्रदेश के सरकारी मेडिकल कालेजों के परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पीएमएस संवर्ग में कार्यरत एमबीबीएस चिकित्सकों से 15 जनवरी तक आवेदन मांगे गए हैं। पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद पांच साल तक सरकारी नौकरी छोडऩे पर इस दौरान दिये गए वेतन के साथ दस लाख रुपये अतिरिक्त वसूले जाएंगे।
सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए हर साल राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में सरकारी चिकित्सकों के लिए परास्नातक सीटें आरक्षित की जाती हैं। अगले शैक्षिक सत्र 2016-17 के लिए राजधानी लखनऊ के किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के अलावा कानपुर, आगरा, मेरठ, गोरखपुर, झांसी व इलाहाबाद मेडिकल कालेजों में कुल 123 परास्नातक डिप्लोमा सीटें पीएमएस डॉक्टरों के लिए आरक्षित की गयी हैं। इन सीटों पर भर्ती के लिए परास्नातक मेडिकल प्रवेश परीक्षा (पीजीएमईई) नहीं देनी होती है और स्वास्थ्य विभाग की मेरिट सूची व काउंसिलिंग के आधार पर सीधे आवंटन हो जाता है।
स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2016-17 के लिए प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग के चिकित्सकों से 15 जनवरी, 2016 तक आवेदन को कहा है। आवेदन के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष रखी गयी है। प्रांतीय चिकित्सा सेवा में कम से कम पांच वर्ष के अनुभव के साथ ग्र्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात रहे चिकित्सकों को वरीयता देने का भी फैसला हुआ है। मेरिट सूची बनाते समय ग्र्रामीण क्षेत्र में एक साल की सेवा को दो साल जोड़ा जाएगा। दो वर्ष का डिप्लोमा करते समय पढ़ाई का खर्चा उठाने के साथ अभ्यर्थी को ड्यूटी पर मानकर पूरा वेतन दिया जाएगा। पढ़ाई पूरी करने के बाद कम से कम पांच साल सरकारी नौकरी में विशेषज्ञ के रूप में काम करना जरूरी होगा। ऐसा न करने पर पढ़ाई के दौरान दिये गए वेतन के साथ दस लाख रुपये की वसूली संबंधित डॉक्टर से की जाएगी। इसके लिए प्रवेश के लिए आवेदन करते समय ऐसे दो विभागीय चिकित्सकों की गारंटी भी लगानी होगी, जिनकी कम से कम दस साल की नौकरी बची हो।
सर्वाधिक सीटें एनेस्थीसिया की
परास्नातक पढ़ाई के लिए सर्वाधिक 32 सीटें एनेस्थीसिया में डिप्लोमा (डीए) की हैं। 17 चिकित्सक डिप्लोमा इन चाइल्ड हेल्थ (डीसीएच) करके बाल रोग विशेषज्ञ तो 17 ही डिप्लोमा इन ऑप्थेल्मिक मेडिसिन एंड सर्जरी (डीओएमएस) में प्रवेश लेकर नेत्र रोग विशेष बनेंगे। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञता वाले पाठ्यक्रम (डीजीओ) के लिए 14 और जन स्वास्थ्य की चिंता करने के लिए डिप्लोमा इन पब्लिक हेल्थ (डीपीएच) पाठ्यक्रम के लिए 13 सीटें आरक्षित हैं। इनके अलावा सात सीटें डिप्लोमा इन क्लीनिकल पैथोलॉजी (डीसीपी) और पांच सीटें डिप्लोमा इन ट््यूबरक्लोसिस एंड चेस्ट डिसीज (डीटीसीडी) की हैं। अस्थि रोग विशेषज्ञता (डीआर्थ) की चार और त्वचा व गुप्त रोग विशेषज्ञता (डीवीडी) की तीन सीटों पर प्रवेश होंगे।

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