Saturday 12 December 2015

रात को थर्मस में चाय लेकर चलेंगे रोडवेज बस ड्राइवर


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-दुर्घटनाओं की समीक्षा में पता चली नींद के झोंके की बात
-रात के लिए अलग सुपरवाइजर, होगी फैसले लेने की छूट
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : सर्दी में होने वाली रोडवेज बस दुर्घटनाओं की समीक्षा में उन्हें नींद का झोंका आने को बड़ा कारण माना गया है। अब तय हुआ है कि रात में गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर साथ में थर्मस में चाय लेकर चलेंगे। साथ ही रात-दिन सक्रिय रहने वाले बस अड्डों पर रात के लिए अलग से सुपरवाइजर नियुक्त किये जाएंगे, जिन्हें फैसले लेने की पूरी छूट होगी।
परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) यासर शाह ने अधिकारियों के साथ बैठक कर सर्दी में होने वाली दुर्घटनाओं की पड़ताल की। पता चला कि रात में बसों के चालक नींद के झोंके में आ जाते हैं, जिस कारण दुर्घटनाएं होती हैं। इस पर तय हुआ कि रात में चलने वाले सभी बस चालकों को रोडवेज की ओर से थर्मस दिये जाएंगे। वे उनमें चाय भरके चलेंगे। रास्ते में जहां भी नींद आएगी, वे बस किनारे खड़ी करेंगे, चाय पियेंगे, फिर गाड़ी आगे बढ़ाएंगे। इसी तरह अनुबंधित बसों के मालिकों से भी अपने चालकों को तत्काल थर्मस उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गए हैं।
परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक के रवींद्र नायक ने सभी बसों व उनके बाहरी भाग पर सफेद, गोल्डेन, पीले व लाल रिफ्लेक्टिव टेप लगाने के निर्देश दिये हैं। सभी बसों में टेल लाइट, इंडीकेटर लाइट, फॉग लाइट या ऑल वेदर बल्ब अनिवार्य किया गया है। बसों के चालकों को गंतव्य तक निर्धारित समय पर ही पहुंचने के लिए बिल्कुल परेशान न किया जाए। जिन बस अड्डों पर पूरी रात बसों का आवागमन होता है, वहां रात की पाली के लिए अलग से सुपरवाइजर तैनात किये जाएं, जिन्हें कोहरे को देखते हुए बसों का संचालन रोकने या विलंबित करने की पूरी छूट हो। ऐसी स्थिति में यात्रियों के लिए भी ठहरने की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा है कि इन निर्देशों के अनुपालन में कमी या लापरवाही पाए जाने पर क्षेत्रीय व सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक के साथ डिपो के सेवा प्रबंधक को जिम्मेदार मानकर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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