Thursday 3 December 2015

केजीएमयू चलाएगी एसजीपीजीआइ के लिए बना ट्रामा सेंटर


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-मंत्रिपरिषद की मंजूरी
-एम्स के एपेक्स ट्रामा सेंटर की तर्ज पर पदों का सृजन
-83.31 करोड़ हुए खर्च, पहले 24 घंटे होगा मुफ्त इलाज
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के लिए बने ट्रामा सेंटर का संचालन किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) करेगी। मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। तय हुआ कि भर्ती होने के बाद पहले 24 घंटे यहां पूरी तरह मुफ्त इलाज होगा।
वृंदावन आवासीय योजना संख्या 4 में एसजीपीजीआइ के लिए ट्रामा सेंटर बनाया गया है। इस पर कुल 87.69 करोड़ रुपए खर्च होने थे, जिसमें से 83.31 करोड़ रुपये खर्च भी किये जा चुके हैं। इसके संचालन के लिए नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एपेक्स ट्रामा सेंटर की भांति पदों के सृजन की प्रक्रिया चल रही है। सितंबर में केजीएमयू के कुलपति ने इस ट्रामा सेंटर को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव किया था। एसजीपीजीआइ के निदेशक ने भी कहा कि संस्थान में हड्डी, स्त्री एवं प्रसूति व बाल रोग जैसे ट्रामा से संबंधित महत्वपूर्ण विभाग अभी विकसित नहीं हैं। ऐसे में दोनों पक्षों की सहमति पर इस ट्रामा सेंटर का संचालन केजीएमयू से कराए जाने का प्रस्ताव किया गया था। बैठक में तय हुआ कि ट्रामा सेंटर के संचालन में जरूरी मानव संसाधन, उपकरण आदि का प्रावधान व इस पर होने वाले खर्च का वहन केजीएमयू को शासन द्वारा उपलब्ध अनुदान से किया जाएगा। यहां भर्ती होने वाले मरीजों की पहले 24 घंटे मुफ्त चिकित्सा सुविधा केजीएमयू द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए विशेष रूप से वित्तीय प्रावधान भी किये जाएंगे। इसके लिए परिसंपत्तियों का हस्तांतरण समयबद्ध ढंग से एसजीपीजीआइ द्वारा केजीएमयू को कर दिया जाएगा।
नए वर्ष में शुरुआत
मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद अब ट्रामा सेंटर प्रदेश के लिए नए वर्ष 2016 का तोहफा होगा। केजीएमयू की ओर से चिकित्सकों की तैनाती आदि की प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी। प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) डॉ.अनूप चंद्र पाण्डेय ने बताया कि ट्रामा सेंटर के संचालन के लिए केजीएमयू को 15 करोड़ रुपये तुरंत जारी किये जा रहे हैं। इससे एक माह में तीस बेड पर उपचार शुरू हो जाएगा। इसके बाद धीरे-धीरे मरीजों की संख्या बढ़ाई जाएगी। 

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