Monday 21 December 2015

आधुनिकीकरण व सख्ती के साथ बढ़ेंगे मानव संसाधन


यातायात सुरक्षा अभियान
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-फिटनेस पिट्स व ड्राइविंग ट्रैक्स बनाने की तैयारी
-75 आरआइ भर्ती कर फिटनेस प्रक्रिया होगी सुगम
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : सुरक्षित यातायात के लिए परिवहन विभाग मानव संसाधन की अराजकता रोकने पर काम कर रहा है। अब आधुनिकीकरण व सख्ती के साथ मानव संसाधन वृद्धि पर जोर देने की तैयारी है।
परिवहन विभाग में कर्मचारी तो कम हैं ही और जो हैं, वे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए परिवहन विभाग का जोर अब उचित मानव संसाधन प्रबंधन पर है। आरटीओ दफ्तरों से जुड़े अफसरों को लक्ष्य आधारित कामकाज सौंपने के साथ हर स्तर पर सख्ती की जा रही है। अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) डॉ.राजेंद्र प्रसाद मानते हैं कि कर्मचारियों की कमी के कारण फिटनेस जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। सड़क तमाम वाहन फिटनेस के पर्याप्त परीक्षणों के बिना फिटनेस प्रमाण पत्र लेकर आ जाते हैं। इसके लिए सीधी जिम्मेदारी रीजन इंस्पेक्टर यानी आरआइ की होती है। आरआइ वास्तव में लाइसेंसिंग अथॉरिटी व पंजीयन अधिकारी, दोनों रूप में काम करते हैं। आरआइ की संख्या बेहद कम होने के कारण समस्या आ रही है। अब प्रदेश में 75 नए आरआइ भर्ती करने की पहल हुई है, ताकि हर जिले में कम से कम एक आरआइ तो हो ही। जिन जिलों में वाहनों का लोड अधिक है, वहां दो या अधिक आरआइ भी नियुक्त किये जा सकेंगे। इसके लिए लोक सेवा आयोग में भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है।
संभागीय परिवहन कार्यालयों के आधुनिकीकरण पर भी जोर दिया जा रहा है। अभी फिटनेस जांचने के लिए आरटीओ दफ्तरों में फिटनेस पिट्स नहीं थे। इन्हें हर दफ्तर में बनवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गए हैं। ड्राइविंग के परीक्षण के लिए आरटीओ दफ्तरों में स्वचालित कम्प्यूटरीकृत ड्राइविंग ट्रैक्स बनाने का फैसला हुआ है। इन ट्रैक्स पर स्पीड ब्रेकर, मोड़, लाल-हरी बत्ती आदि बिल्कुल मुख्य मार्गों की तरह होंगे। गाड़ी ड्राइव करते समय चालक द्वारा की गल्तियां खुद रिकार्ड हो जाएंगी और फिर उसी हिसाब से पास-फेल का रिजल्ट आएगा। जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित सड़क सुरक्षा समितियों को भी सक्रिय करने के लिए उन्हें पत्र लिखे जा रहे हैं।

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