Saturday 10 September 2016

मानक बदले तो नहीं मिल रहे फार्मासिस्ट

-कमी से खाली पड़ीं पांच सौ से अधिक होम्योपैथी डिस्पेंसरी
-लोकसेवा आयोग से मांगे छह सौ, मिले 342, नियुक्त हुए 110
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ: होम्योपैथी विभाग की डिस्पेंसरी में फार्मासिस्ट तैनाती के मानक बदले तो अब प्रशिक्षित फार्मासिस्ट ही नहीं मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से विभाग ने छह सौ फार्मासिस्ट मांगे थे, जिनकी जगह बमुश्किल तीन सौ ही मिल सके हैं।
प्रदेश में की हर होम्योपैथी डिस्पेंसरी में तैनाती के लिए 1575 फार्मासिस्ट के पद सृजित हैं। इसके विपरीत महज नौ सौ फार्मासिस्ट ही डिस्पेंसरी में तैनात हैं। कुछ फार्मासिस्टों की ड्यूटी दो-दो डिस्पेंसरी में लगाई गयी है। इसके बावजूद पांच सौ से अधिक डिस्पेंसरी ऐसी हैं, जिनमें फार्मासिस्ट हैं ही नहीं। होम्योपैथी विभाग ने दो साल पहले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को पिछले साल 650 फार्मासिस्ट के लिए अधियाचन भेजा था। आयोग ने 342 फार्मासिस्टों का चयन कर होम्योपैथी निदेशालय को सौंप दिये हैं, जिनमें से 110 की नियुक्ति भी हो चुकी है। शेष 232 फार्मासिस्ट की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में नियुक्ति के बावजूद होम्योपैथी डिस्पेंसरी खाली ही रहेंगी।
विभाग द्वारा 650 फार्मासिस्ट का अधियाचन भेजने के बाद सिर्फ 342 फार्मासिस्टों के चयन के पीछे दरअसल योग्य अभ्यर्थियों का न मिलना बड़ा कारण है। इससे पहले 2009 में भी अधियाचन भेजा गया था। तब आयोग ने आवेदन मांगे तो 39 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किया था। उन पर विचार होता, इस बीच राज्य सरकार ने होम्योपैथी फार्मासिस्ट के लिए न्यूनतम योग्यता बदल दी। पहले जीव विज्ञान संवर्ग में बारहवीं करने वालों को सीधे होम्योपैथी फार्मासिस्ट के रूप में नियुक्ति मिल जाती थी। उन्हें विभागीय स्तर पर दवाओं आदि की जानकारी देते हुए प्रशिक्षण दिया जाता था। इस बीच शासन स्तर पर होम्योपैथी फार्मासिस्ट की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता होम्योपैथी फार्मेसी में डिप्लोमा होना कर दी गयी। प्रदेश के एक भी सरकारी होम्योपैथी कालेज में यह पाठ्यक्रम चल नहीं रहा है। कुछ निजी होम्योपैथी कालेजों में यह पाठ्यक्रम चल रहा है किन्तु उनसे पर्याप्त संख्या में विद्यार्थी निकल ही नहीं पा रहे हैं। इस संबंध में होम्योपैथी निदेशक डॉ.विक्रमा प्रसाद ने बताया कि फार्मासिस्ट में डिप्लोमा अनिवार्य कर उनका स्तर सुधारा गया है। इससे प्रदेश की पूरी होम्योपैथी चिकित्सा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जल्द ही सभी पदों पर नियुक्ति भी हो जाएगी।

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