Tuesday 20 September 2016

हर जिले में इनोवेशन सेंटर खोलेंगे रोजगार की राह

-प्राविधिक शिक्षा विभाग ने बनाई विस्तृत कार्ययोजना
-कैबिनेट की मंजूरी लेकर इसी साल अमल की तैयारी
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ: प्राविधिक शिक्षा विभाग सूबे के हर जिले में इनोवेशन सेंटर खोलने की पहल कर रहा है। इसके लिए कार्ययोजना बन गयी है और जल्द ही कैबिनेट के समक्ष लाकर इस पर इसी साल अमल सुनिश्चित किया जाएगा।
प्राविधिक शिक्षा परिषद ने हाल ही में प्रदेश स्तर पर इनोवेशन एवं इन्क्यूबेशन कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसके लिए कानपुर, लखनऊ व गोरखपुर में चार इनोवेशन व इन्क्यूबेशन सेंटर बनाए गए हैं। गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय व कानपुर के हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के साथ कानपुर के ही उत्तर प्रदेश टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट और लखनऊ के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में स्थापित इन इनोवेशन एवं इन्क्यूबेशन सेंटर्स से सूबे के सभी प्राइवेट व निजी इंजीनियरिंग कालेजों के साथ पॉलीटेक्निक संस्थानों को भी जोड़ा गया है। अभी इन संस्थानों के छात्र-छात्राओं को किसी एक केंद्र पर जाकर वहां शोध व विकास की गतिविधियों से जुडऩे की रणनीति अपनाई जाती है। प्राविधिक शिक्षा विभाग ने अब जिला स्तर पर इनोवेशन सेंटर खोलकर रचनाधर्मिता को अधिक अवसर देने का प्रस्ताव किया है। इसके लिए व्यापक प्रस्ताव बना लिया गया है। प्रस्ताव के मुताबिक जिन जिलों में राजकीय इंजीनियरिंग कालेज हैं, वहां तो इंजीनियरिंग कालेज में ही इनोवेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। शेष जिलों में राजकीय पॉलीटेक्निक में इनोवेशन सेंटर स्थापित किये जाएंगे। अधिकारियों के मुताबिक प्रस्ताव को शासन स्तर पर मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी लेकर इसी साल इस प्रस्ताव पर अमल भी किया जाएगा। इन केंद्रों से न सिर्फ विकास की दिशा बदलेगी, बल्कि रोजगार की राह भी खुलेगी।
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चार सूत्रों में बंधा लक्ष्य
-लघ  एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों में उत्पादकता बढ़ाने के साथ उद्योगों व अन्य संस्थाओं को परीक्षण सुविधा उपलब्ध कराना
-नवीनतम तकनीक व व्यवसायिक विचारों का वास्तविक उत्पाद व सेवाओं में परिवर्तन और नव उत्पाद का पूरा परीक्षण
-कृषि विज्ञान, सेवाओं, तकनीकी आदि में नवीनतम अन्वेषण को बढ़ावा देने के साथ उस पर अमल सुनिश्चित करना
-शिल्पकारों, बुनकरों, काश्तकारों, बढ़ाई, कुम्हार आदि के लिए वाणिज्यिक रूप से व्यावहारिक उत्पादों का विकास करना
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होंगे  ऐसे काम
-स्मार्ट मैट्रेस, पीजोइलेक्ट्रिक सॉक्स, टिटिवेटिंग टेक्सटाइल्स उत्पादन
-ग्र्रामीण व शहरी इलाकों के लिए कम लागात वाले आवास निर्माण
-खेती के लिए कम कीमत वाली कटाई व जुताई मशीन का विकास
-ऊर्जा उत्पादन के गैरपरंपरागत स्रोतों का विकास कर अमल में लाना
-अस्पताली कचरा निस्तारण के लिए पर्यावरण मित्र मशीनों का निर्माण
(10/9/16)

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