Wednesday 24 August 2016

वित्तीय वर्ष में बदलाव पर केंद्र ने मांगी राय

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- प्रदेश में भी बजट की प्रक्रिया बदलने की तैयारी
- प्लॉन व नॉनप्लॉन का भेद भी हो जाएगा खत्म
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : फरवरी में ही आम बजट पेश करने की परंपरा में बदलाव की चर्चा के बीच केंद्र ने राज्य सरकारों से रायशुमारी शुरू की है। इस बाबत केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने प्रदेश सरकार को पत्र भेजकर वित्तीय वर्ष में बदलाव पर राय मांगी है।
अभी आम बजट फरवरी में पेश होता है और अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू कर उस पर अमल शुरू हो जाता है। अब केंद्र सरकार इसमें बदलाव का प्रस्ताव कर रही है। इस बाबत राज्य सरकार को पत्र भेजकर पूछा गया है कि नया वित्तीय वर्ष कब शुरू किया जाना चाहिए। इसमें एक प्रस्ताव कैलेंडर वर्ष को ही वित्तीय वर्ष में बदलने यानी एक जनवरी से वित्तीय वर्ष शुरू करने का भी है। इसके अलावा जुलाई व अक्टूबर से वित्तीय वर्ष शुरुआत को आधार बनाने की बात भी प्रस्ताव का हिस्सा है। प्रदेश सरकार का वित्त महकमा इस प्रस्ताव पर विचार कर रहा है और जल्द ही इस बाबत राय भेज दी जाएगी।
इसके अलावा राज्य सरकार भी बजट की मौजूदा प्रक्रिया में कुछ बदलाव करने की तैयारी में है। केंद्र सरकार के बजट में प्लान व नॉनप्लान का भेद समाप्त कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के बजट में भी इस भेद को समाप्त करने की तैयारी चल रही है। इसके अलावा अभी बजट पेश करते समय धनराशि हजार के गुणक में प्रस्तुत की जाती है। अब इसे लाख के गुणक में प्रस्तुत करने का प्रस्ताव किया गया है। अगले बजट से इस पर अमल की उम्मीद है।
आ सकता एक और अनुपूरक बजट
उत्तर प्रदेश सरकार चुनावी वर्ष में एक और अनुपूरक बजट ला सकती है। मंगलवार को विधान मंडल में अब तक का सबसे बड़ा अनुपूरक बजट पेश करने के बाद सरकार कुछ माह बाद दूसरा अनुपूरक बजट भी पेश कर सकती है। वित्तीय वर्ष 2016-17 के आम बजट से पहले भी वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया गया था। अधिकारियों के मुताबिक चुनावी वर्ष में सरकार के सामने चुनौतियां भी बदली होंगी, इसलिए दूसरा अनुपूरक बजट दिसंबर या जनवरी में भी पेश किया जा सकता है।

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