Monday 22 August 2016

दोगुने से ज्यादा फीस कराने में सफल हुए निजी कालेज!


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-शासन पर दबाव बनाकर मेडिकल व डेंटल कालेजों ने बढ़वाई फीस
-अगले सप्ताह हो सकती घोषणा, भरी जानी हैं साढ़े पांच हजार सीटें
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश के निजी मेडिकल व डेंटल कालेज शासन स्तर पर दबाव बनाकर अपनी फीस दोगुने से अधिक कराने में सफल हो गए हैं। अगले सप्ताह इस बाबत घोषणा होने की उम्मीद है। निजी कालेजों में एमबीबीएस व बीडीएस की साढ़े पांच हजार सीटें भरी जानी हैं।
उत्तर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में कुल 65 निजी कॉलेज हैं। इनमें सर्वाधिक 23 डेंटल कॉलेज हैं। इनके अलावा 21 मेडिकल, 11 यूनानी, आठ आयुर्वेदिक व दो होम्योपैथी कॉलेज भी निजी क्षेत्र द्वारा संचालित हैं। अभी तक निजी कॉलेज अपनी-अपनी एसोसिएशन के माध्यम से अलग प्रवेश परीक्षा कराकर भर्ती कर लेते थे। इस कारण इनकी मनमानी भी चलती थी और फीस वसूली में तो कोई अंकुश ही नहीं था। नीट लागू होने के बाद इन कॉलेजों को अपनी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश लेने का मौका नहीं मिला, तो शासन स्तर पर दबाव बनाकर फीस बढ़वाने की मुहिम शुरू कर दी।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार निजी मेडिकल व डेंटल कालेज इसमें सफल भी हो गए हैं। पूर्व निर्धारित फीस में दोगुने से अधिक तक की वृद्धि प्रस्तावित की गयी है। अगले सप्ताह इस बाबत आदेश जारी होने की उम्मीद है। वर्ष 2005 में निजी मेडिकल कालेजों कालेजों के एमबीबीएस पाठयक्रम में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं के लिए 4.10 लाख रुपये प्रति वर्ष शुल्क निर्धारित किया गया था। इस वर्ष नौ से दस लाख रुपये के बीच विभिन्न कालेजों की फीस निर्धारित की गयी है। इसी अनुपात में बीडीएस पाठ्यक्रमों की फीस भी बढ़ाई गयी है। प्रदेश के 23 डेंटल व 21 मेडिकल कालेजों में साढ़े पांच हजार सीटें हैं। इनमें से चार मेडिकल कालेजों को तो इसी साल मान्यता मिली है। इन सभी सीटों पर प्रवेश नीट की काउंसिलिंग के माध्यम से होंगे। काउंसिलिंग के लिए पंजीकरण प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है।

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