Wednesday 24 August 2016

राज्य से बाहर पढऩे वाले पिछड़ों को छात्रवृत्ति नहीं

-पिछड़ा वर्ग दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति नियमावली बदली
-वरीयता तय करने में अंक बनेंगे आधार, पाठ्यक्रम नहीं बदल सकेंगे
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : राज्य से बाहर पढऩे वाले पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ नहीं मिलेगा। पिछड़े वर्ग विभाग की दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति नियमावली में बदलाव कर यह फैसला लिया गया है।
विभाग की पुरानी नियमावली जुलाई 2014 से लागू की गयी। नयी नियमावली में अप्रैल से सत्र की शुरुआत मानकर इसे शिक्षण सत्र 2016-17 से लागू करने की बात कही गयी है। अभी तक देश भर में कहीं भी पढऩे वाले प्रदेश के मूल निवासी पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति मिलती थी। अब सिर्फ उत्तर प्रदेश में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को योजना का लाभ मिलेगा। साथ उनके अभिभावकों की आय सीमा दो लाख रुपये वार्षिक से अधिक नहीं होनी चाहिए। अल्पसंख्यक श्रेणी के पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के माध्यम से आवेदन करना होगा।
नयी नियमावली में वरीयता क्रम तय करने के लिए विद्यार्थी को पिछली कक्षा में मिले अंक आधार बनेंगे। निजी क्षेत्रों के प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले उन्हीं विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति मिलेगी, जिन्होंने 12वीं की परीक्षा में 60 फीसद अंक प्राप्त किये हों। गैरप्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में यह बाध्यता नहीं होगी। उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय से संबद्ध संस्थानों में उन्हीं विद्यार्थियों को योजना का लाभ मिलेगा, जिन्होंने विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश लिया हो। मैनेजमेंट कोटे में प्रवेश पाने वाले उन्हीं विद्यार्थियों को इसमें शामिल किया जाएगा, जिन्होंने विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन के बाद प्रवेश पाया हो। ऐसे विद्यार्थी इस योजना के पात्र नहीं होंगे, जो किसी एक व्यवसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के बाद उसी स्तर के किसी दूसरे पाठ्यक्रम में प्रवेश लें। यदि कोई विद्यार्थी किसी एक पाठ्यक्रम को अधूरा छोड़कर दूसरे पाठ्यक्रम में प्रवेश लेता है, तो उसे छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिलेगी।
कम्प्यूटर प्रशिक्षण में बढ़ी प्रतिपूर्ति राशि
राब्यू, लखनऊ: पिछड़ा वर्ग विभाग के अभ्यर्थियों को ओ लेवल कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिलाने के लिए प्रतिपूर्ति धनराशि दस हजार रुपये से बढ़ाकर पंद्रह हजार रुपये करने का फैसला हुआ है। प्रमुख सचिव (पिछड़ा वर्ग कल्याण) मनोज सिंह ने इस आशय के आदेश जारी किये हैं। जिनमें कहा गया है कि अभी तक वर्ष में एक बार ही प्रवेश को मान्यता मिलती थी, अब वर्ष में दो बार जुलाई व जनवरी में प्रवेश हो सकेंगे। अभी तक गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को इस सुविधा का लाभ मिलता था। अब आय सीमा बढ़ाकर एक लाख रुपये वार्षिक कर दी गयी है। 

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