Wednesday 17 August 2016

स्मृति की पहल 'वियर हैंडलूम' को यूपी में विस्तार


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-मानकीकरण व उन्नत उत्पादों पर शोध, बनी नौ माह की कार्ययोजना
-डिजायनर खादी वस्त्रों के निर्माण से सीधे कामगारों को जोडऩे की मुहिम
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी की पहल 'वियर हैंडलूम' इस समय खासी चर्चा में है। इस पहल को उत्तर प्रदेश में विस्तार देने के लिए अगले नौ माह की कार्ययोजना बनाई गयी है। इस दौरान उन्नत खादी के विकास पर शोध के साथ डिजायनर खादी वस्त्रों के निर्माण से कामगारों को सीधे जोडऩे की मुहिम भी चलाई जाएगी।
प्रदेश सरकार ने खादी को प्रीमियम ब्रांड की तरह विकसित करने के लिए राष्ट्रीय फैशन तकनीकी संस्थान (एनआइएफटी) से हाथ मिलाए हैं। इसके अंतर्गत शोध, डिजाइनिंग, मानकीकरण व मार्केटिंग के साथ व्यापक प्रचार प्रसार पर फोकस किया जा रहा है। प्रमुख सचिव (खादी एवं ग्र्रामोद्योग) मोनिका एस.गर्ग ने बताया कि इस अभियान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़ाव स्थापित करने के लिए डिजायनर खादी वस्त्रों पर जोर है, वहीं शुरुआती स्तर पर कामगारों को चर्खा संचालन का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत झांसी के चार व बांदा के दो गांवों की 75 महिलाओं को 15-15 दिन का चर्खा चलाने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब प्रदेश भर में खादी की विभिन्न संस्थाओं में काम कर रहे डिजाइनर, पैटर्न मेकर व कटिंग करने वाले कामगारों को एनआइएफटी, रायबरेली में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण सितंबर से शुरू होंगे। खादी संस्थाओं में काम करने वाले सिलाई कारीगरों को भी दुनियावी जरूरतों के अनुरूप तैयार करने के लिए एनआइएफटी में नवंबर से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके बाद दिसंबर से खादी वस्त्रों पर जरी व चिकनकारी जैसी विशिष्ट कढ़ाई कर पैच बनाए जाने का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। गोरखपुर, लखनऊ या रायबरेली में खादी पोलिस्टर व सिल्क के कलात्मक पैच बनाने के लिए कारीगरों को प्रशिक्षित करने का फैसला हुआ है।
एनआइएफटी के विद्यार्थी उत्तर प्रदेश में खादी की उन्नति की संभावनाओं पर शोध भी कर रहे हैं। जनवरी तक शोध पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि फरवरी में उन्नत व मानकीकृत खादी के विकास के लिए शोध रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके। इसके साथ ही खादी संस्थाओं की उन्नति के लिए सितंबर से तीन माह का अभियान चलाकर उनका सूक्ष्म निरीक्षण व अध्ययन किया जाएगा।
फैशन प्लेटफार्म पर दस्तक
उत्तर प्रदेश की खादी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैशन प्लेटफार्म पर भी दस्तक देगी। इसके लिए एनआइएफटी के विद्यार्थी खादी के डिजायनर वस्त्र तैयार करने की प्रक्रिया जारी रखेंगे। जनवरी से इन वस्त्रों का संग्र्रह सामने आने लगेगा और बीच-बीच में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के फैशन शो के माध्यम से उनका प्रदर्शन किया जाएगा। 

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