Wednesday 4 May 2016

पास को बताया फेल, नहीं मिली छात्रवृत्ति

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-दशमोत्तर शुल्क प्रतिपूर्ति में गड़बडिय़ों की भरमार
-विश्वविद्यालयों की गलती, सजा हजारों विद्यार्थियों को
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : पारदर्शिता के तमाम दावों के बावजूद दशमोत्तर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति में गड़बडिय़ों की भरमार सामने आ रही है। ऐसे हजारों विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिल सकी, जिन्हें पास होने के बावजूद विश्वविद्यालयों ने फेल दिखा दिया।
वित्तीय वर्ष 2015-16 की शुरुआत से ही समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में पारदर्शिता के बड़े-बड़े दावे किये थे। इसके बावजूद वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन तक छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति छात्र-छात्राओं के खाते में भेजने का उपक्रम चलता रहा। इसके बावजूद भारी संख्या में छात्र-छात्राएं शुल्क प्रतिपूर्ति पाने से वंचित रह गए। इस मामले में पड़ताल हुई तो पता चला कि विश्वविद्यालयों ने परीक्षा परिणाम भेजने में मनमानी की। तमाम विद्यार्थी उत्तीर्ण हो गए थे, किन्तु विश्वविद्यालयों ने उन्हें अनुत्तीर्ण दिखा दिया। पिछड़ा वर्ग विभाग ने मामले को गंभीरता से लेकर पड़ताल कराई तो ऐसे विद्यार्थियों की संख्या 35 हजार निकली है। सामान्य, अनुसूचित जाति व अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं की संख्या भी 60 हजार से ऊपर मानी जा रही है। ये सभी छात्र-छात्राएं संबंधित निदेशालयों के चक्कर लगा रहे हैं, किन्तु उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। वे जिला कार्यालय जाते हैं तो उन्हें लखनऊ जाने को कह दिया जाता है। अब इन सभी विद्यार्थियों से जिला स्थित विभागीय कार्यालयों में आवेदन करने को कहा गया है, ताकि उनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराकर भुगतान की पहल हो सके।
पिछड़ा वर्ग विभाग में अनुमति
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की निदेशक पुष्पा सिंह के अनुसार विश्वविद्यालयों द्वारा गलत परीक्षा परिणाम भेजे जाने के कारण विद्यार्थियों को दिक्कत हो रही थी। ऐसे में विभाग ने ऐसे सभी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति देने का फैसला किया है। जो वास्तव में उत्तीर्ण हैं किन्तु विश्वविद्यालयों ने उन्हें अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया है। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारियों से रिपोर्ट मांगकर ऐसे सभी विद्यार्थियों के खाते में धन भेजा जाएगा।
अन्य विद्यार्थी करें प्रत्यावेदन
समाज कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति प्रभारी पीके त्रिपाठी के मुताबिक विश्वविद्यालयों से भेजे गए परीक्षा परिणाम ऑनलाइन मिलाए गए थे। जिनके गलत परिणाम विश्वविद्यालयों ने भेजे हैं, उनके साथ दिक्कत हुई है। विद्यार्थी जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालयों में प्रत्यावेदन करें। उसके बाद उनके आवेदन पर विचार कर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति भुगतान पर फैसला किया जाएगा।

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