Monday 2 May 2016

रैंकिंग से चुनिये अपना इंजीनियरिंग कालेज


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-निजी कालेजों की मनमानी रोकने को प्राविधिक शिक्षा विभाग की पहल
-जून में काउंसिलिंग से पहले विद्यार्थियों के सामने स्पष्ट होगी स्थिति

डॉ.संजीव, लखनऊ
केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न संस्थानों को रैंकिंग दिये जाने के बाद अब प्रदेश का प्राविधिक शिक्षा महकमा सूबे के इंजीनियरिंग कालेजों को रैंकिंग देने की तैयारी कर रहा है। जून में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग शुरू होने से पहले रैंकिंग जारी कर स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी, जिससे छात्र-छात्राओं को अपना संस्थान चुनने में आसानी रहे।
प्रदेश में इस समय इंजीनियरिंग शिक्षा पर नियंत्रण का जिम्मा मूल रूप से डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के पास है। विश्वविद्यालय से संबद्ध 292 इंजीनियरिंग कालेजों से बीटेक की 1,44,778 सीटें संबद्ध हैं। इसमें संयुक्त प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश होते हैं। देखा गया है कि कालेज स्थितियां स्पष्ट किये बिना छात्र-छात्राओं को भ्रमित करते हैं और वे उपयुक्त कालेज का चयन नहीं कर पाते हैं। अब प्राविधिक शिक्षा विभाग ने इन स्थितियों के समाधान का फैसला किया है। विभाग के प्रमुख सचिव मुकुल सिंहल के मुताबिक एकेटीयू से संबद्ध सभी कालेजों की रैंकिंग जारी की जाएगी। इस बार संयुक्त प्रवेश परीक्षा का परिणाम हर हाल में 31 मई के पहले घोषित कर दिया जाएगा और जून में पहली काउंसिलिंग करा दी जाएगी। इसके बाद दूसरी काउंसिलिंग जुलाई मध्य तक समाप्त हो जाएगी, ताकि एक अगस्त से हर कालेज में पहले सेमेस्टर की पढ़ाई शुरू हो सके। काउंसिलिंग के पहले कालेजों की रैंकिंग जारी कर दी जाएगी, ताकि विद्यार्थी कालेज चयन का फैसला कर सकें। इस साल इंजीनियरिंग कालेजों की रैंकिंग के बाद अगले साल से प्रबंधन व अन्य संस्थानों की रैंकिंग भी जारी की जाएगी।
आंतरिक मूल्यांकन से दूरी
रैंकिंग करते समय इन कालेजों के आंतरिक मूल्यांकन से दूरी बनाई जाएगी। अभी परीक्षा परिणाम में विश्वविद्यालय द्वारा कराई जाने वाली परीक्षाओं के साथ कालेजों का आंतरिक मूल्यांकन भी जोड़ा जाता है। देखा गया है कि तमाम कालेज मनमाने ढंग से आंतरिक मूल्यांकन में बहुत अंक दे देते हैं, वहीं विश्वविद्यालय की परीक्षा में उसके अनुपात में कम अंक होते हैं। रैंकिंग में सिर्फ विश्वविद्यालय के केंद्रीय मूल्यांकन में मिले अंकों के आधार पर कालेज के प्रदर्शन को आंका जाएगा।
तीन साल का विश्लेषण
इंजीनियरिंग कालेजों की रैंकिंग भले ही इसी साल से शुरू हो रही है किन्तु उसमें पिछले तीन साल के परीक्षा परिणामों का विश्लेषण किया जाएगा। इसमें कालेजों का स्थायित्व और परिणामों की निरंतरता का आकलन होगा। विषयवार शिक्षकों की संख्या व उनकी तत्परता का आकलन करते हुए हर ब्रांच को आधार बनाकर भी विश्लेषण करने की बात रैंकिंग प्रणाली में शामिल की गयी है।
नहीं दे सकेंगे धोखा
रैंकिंग के अभाव में इंजीनियरिंग कालेजों की मनमानी की शिकायतें मिलती थीं। अब काउंसिलिंग के दौरान प्रवेश के लिए कालेजों का ऑप्शन भरते समय ही विद्यार्थियों के पास कालेजों की रैंकिंग होगी। इससे कालेज विद्यार्थियों को धोखा नहीं दे सकेंगे और विद्यार्थी सही फैसला ले सकेंगे।
-मुकुल सिंहल, प्रमुख सचिव (प्राविधिक शिक्षा)

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