Thursday 19 May 2016

पीजीएमईई : मेरिट बदली तो टॉप 200 में 189 पर पीएमएस


-सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर प्रस्तावित नयी मेरिट सूची
-खासे पीछे हुए मूल टॉपर, मंडरा रहा सीटें छिनने का खतरा
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डॉ.संजीव, लखनऊ
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर परास्नातक मेडिकल प्रवेश परीक्षा (पीजीएमईई) की प्रस्तावित मेरिट के टॉप 200 में 189 सीटों पर पीएमएस का कब्जा दिख रहा है। इस तरह फ्रेशर्स के लिए महज टॉप रैंकिंग की 11 सीटें ही बच रही हैं। ऐसे में मूल मेरिट सूची के टॉपर्स के खासे पीछे होने उनकी सीटें छिनने की आशंका है।
राज्य के मेडिकल कालेजों में परास्नातक सीटों पर ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा करने वाले सरकारी डॉक्टरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रामीण क्षेत्रों की सेवा के तीन वर्षों के लिए 30 अंक देकर नए सिरे से मेरिट बनाने के आदेश दिये हैं। इस पर विभाग ने  प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री को भेजा है। प्रदेश की 779 सीटों में से आधी केंद्रीय कोटे से भरी जाती हैं। 390 सीटों के लिए प्रदेश स्तर पर परास्नातक प्रवेश परीक्षा कराई जाती है। इनमें से डिप्लोमा की 220 में 110 सीटों पर प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) से नामांकन के आधार पर सीधे भरी जाती हैं। एमडी, एमएस की 171 में से 51 सीटें पीएमएस के लिए आरक्षित थीं। यूपी कोटे की शेष 120 सीटों के लिए अप्रैल में हुई काउंसिलिंग से प्रवेश लिए विद्यार्थी एक मई से मेडिकल कालेजों में पढ़ाई कर रहे हैं। नई मेरिट में टॉप-200 में 189 में पीएमएस का कब्जा दिख रहा है। प्रवेश ले चुके 11 विद्यार्थी छात्र-छात्राएं ही इसमें शामिल हैं। ऐसे में शेष 109 विद्यार्थियों के प्रवेश निरस्त होने का खतरा है। इस बाबत 12 बिंदुओं के साथ सुप्रीम कोर्ट में नए सिरे से अपील के तर्क दिये गए हैं। जिनमें पहले ही प्रवेश ले चुके छात्र-छात्राओं का भविष्य खतरे में पडऩे, निजी क्षेत्र में सुपरस्पेशलिस्ट का संकट उत्पन्न होने जैसे तर्क भी शामिल हैं। डीजीएमई डॉ.वीएन त्रिपाठी ने कहा कि कोर्ट का फैसला सर्वोपरि है।
टॉपर की रैंक हो जाएगी 129
मौजूदा मेरिट सूची के टॉप 200 रैंकर्स ने 160 से 176 के बीच अंक पाए हैं। पीएमएस के 540 अभ्यर्थियों के अंकों में 30 फीसद अंक जोडऩे पर 15 के तो नंबर 200 से अधिक हो जाएंगे, जबकि पेपर ही कुल 200 नंबर का था। टॉपर की रैंक 129 हो जाएगी।

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