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-गंभीर प्रकृति के ऑपरेशन भी कराए जाएंगे
-मोबाइल हेल्थ क्लीनिक के माध्यम से सुधार
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश में ताबड़तोड़ खोल दिए गए मेडिकल कालेज विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव से जूझ रहे हैं। हाल ही में चार कालेजों में भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) के निरीक्षण में यह तथ्य सामने आया। तय हुआ है कि अब पुराने मेडिकल कालेजों के विशेषज्ञ नए कालेजों में जाकर इलाज करेंगे।
बीते कुछ वर्षों में कन्नौज, आजमगढ़, अंबेडकर नगर, जालौन व सहारनपुर में नए मेडिकल कालेज खोले गए हैं। इसके अलावा बांदा व बदायूं मेडिकल कालेज अगले शैक्षिक सत्र से शुरू करने की तैयारी है। हाल ही में कन्नौज, आजमगढ़, अंबेडकर नगर व जालौन में मान्यता के लिए एमसीआइ की टीमों ने निरीक्षण किये तो सभी जगह विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरी। अभी तो आसपास के मेडिकल कालेजों से जुगाड़ कर, तबादला कर और कहीं-कहीं तो संबद्ध कर मान्यता के लिए शिक्षकों का कोटा पूरा किया गया किन्तु मरीज न होने और भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम होने से आने वाले संकट से अफसर चिंतित हैं।
इस स्थिति से निपटने के लिए प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) डॉ.अनूप चंद्र पाण्डेय ने सोमवार को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.वीएन त्रिपाठी के साथ कन्नौज, आजमगढ़, अंबेडकर नगर व जालौन के प्राचार्यों की बैठक बुलाकर एमसीआइ निरीक्षण में उठे सवालों पर विचार विमर्श किया। तय हुआ कि नए कालेजों के आसपास के पुराने कालेजों से अतिविशिष्टता (सुपर स्पेशियलिटी) वाले चिकित्सकों को बुलाकर नए कालेजों में उनसे इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। इसमें गुर्दा, हृदय, कैंसर, न्यूरोलॉजी आदि के विशेषज्ञों को विशेष ओपीडी व ऑपरेशन का जिम्मा सौंपा जाएगा। कानपुर से विशेषज्ञ कन्नौज व जालौन, झांसी से जालौन व बांदा, इलाहाबाद से बांदा, गोरखपुर से आजमगढ़ व मेरठ से सहारनपुर भेजे जाएंगे। बदायूं में अभी वाह्यï रोगी विभाग (ओपीडी) शुरू हुआ है। इसके लिए आगरा मेडिकल कालेज की मदद ली ही जा रही है। भविष्य में मरीज भर्ती करने व ऑपरेशन आदि के लिए भी आगरा की मदद ली जाएगी। इसके अलावा प्रदेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों की मदद से मोबाइल हेल्थ क्लीनिक भी संचालित किए जाएंगे।
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