Saturday 7 November 2015

नौवीं-दसवीं की छात्रवृत्ति में समान आय सीमा की तैयारी

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-अभी हर वर्ग के लिए अलग आय सीमा से दिक्कत
-अब सभी के लिए दो लाख आय सीमा का प्रस्ताव
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : नौवीं व दसवीं के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरण में अलग-अलग आय सीमा के कारण विभागों को सूची बनाने से लेकर कई अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अब शासन स्तर पर सभी वर्गों के लिए समान आय सीमा निर्धारित करने की तैयारी की जा रही है।
आठवीं के बाद पढ़ाई न रुकने देने के लिए छात्रवृत्ति देने की योजना का संचालन समाज कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है। समाज कल्याण विभाग इसके साथ ही सामान्य व अनुसूचित जाति वर्ग के लिए छात्रवृत्ति वितरण का जिम्मा भी संभालता है। इसके अलावा अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग व पिछड़े वर्ग के लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग समन्वयक की भूमिका में होता है। हाल ही में छात्रवृत्ति वितरण में पारदर्शिता को लेकर तीनों विभागों की कई बैठकें हुईं तो चारों वर्गों के लिए असमान आय सीमा का मामला सामने आया।
बताया गया कि सामान वर्ग के लिए गरीबी रेखा से नीचे वाले ही छात्रवृत्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं। यानी ग्र्रामीण क्षेत्र में 19,884 रुपये व शहरी क्षेत्र में 25,546 रुपये वार्षिक से अधिक आय वाले अभिभावकों के बच्चे छात्रवृत्ति के लिए आवेदन ही नहीं कर सकते। इसी पिछड़ा वर्ग के मामले में अधिकतम आय सीमा 30 हजार रुपये वार्षिक निर्धारित है। अल्पसंख्यकों के लिए आय सीमा एक लाख रुपये वार्षिक है, वहीं अनुसूचित जाति के लिए आय सीमा दो लाख रुपये वार्षिक निर्धारित की गयी है। इस पर सभी वर्गों की आय सीमा समान करने का प्रस्ताव लाया गया है। दशमोत्तर छात्रवृत्ति के लिए सभी वर्गों की आय सीमा दो लाख है और अब नौवीं-दसवीं की छात्रवृत्ति पाने के लिए भी इसे दो लाख करने की तैयारी है। पिछड़ा वर्ग विभाग के सचिव डॉ.हरिओम के मुताबिक समान आय सीमा के साथ ही अधिकाधिक छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया जा सकेगा। इस बाबत तीनों विभागों के साथ संयुक्त विचार विमर्श किया जा चुका है। जल्द ही विधिवत प्रस्ताव बनाकर इस पर अमल सुनिश्चित किया जाएगा। 

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