Tuesday 10 November 2015

नौवीं के 80 फीसद फर्जी विद्यार्थियों ने ली छात्रवृत्ति

----
पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना
----
-वर्ष 2014-15 में प्रवेश लेकर दसवीं में नहीं पहुंचे ये छात्र
-90 प्रतिशत से कम नवीनीकरण वाले स्कूलों की होगी जांच
----
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : दशमोत्तर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना की तरह पूर्व दशम छात्रवृत्ति में भी तमाम गड़बडिय़ां सामने आ रही हैं। पता चला है कि वर्ष 2014-15 में कक्षा नौ में प्रवेश लेकर छात्रवृत्ति लेने वालों में से 80 फीसद दसवीं में पहुंचे ही नहीं। माना जा रहा है कि नौवीं के 80 फीसद फर्जी विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति ली थी। इसे देखते हुए समाज कल्याण विभाग ने 90 प्रतिशत से कम नवीनीकरण वाले स्कूलों को संदिग्ध करार देकर मामले की जांच के आदेश दिये हैं।
पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत आए आवेदनों का कंप्यूटरीकृत मिलान करते समय तमाम चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पता चला कि वर्ष 2014-15 में कक्षा नौ में प्रवेश लेकर छात्रवृत्ति लेने वाले 5.05 लाख छात्र-छात्राओं में से सिर्फ 1.04 लाख ने ही दसवीं में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया। इस तरह 80 प्रतिशत विद्यार्थी दसवीं में पहुंचे ही नहीं और गायब हो गए। पता चला कि कुल 13,484 शिक्षण संस्थाओं में से बड़ी संख्या में ऐसी संस्थाएं हैं, जिन्होंने नवीनीकरण के लिए पुराने एक भी विद्यार्थी का फार्म नहीं दिया है। तमाम में नवीनीकरण श्रेणी के विद्यार्थियों की संख्या 50 फीसद से भी कम है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नौवीं से दसवीं में न जाने वाले विद्यार्थियों (ड्राप आउट) की संख्या सामान्यत: पांच से दस प्रतिशत तक रहती है। प्रमुख सचिव (समाज कल्याण) की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जिन संस्थाओं में नवीनीकरण के लिए छात्र-छात्राओं की संख्या 90 फीसद से कम है, वे प्रथमदृष्ट्या संदिग्ध श्रेणी में आ जाते हैं। ऐसे संस्थाओं की विस्तृत जांच की जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षक स्तर पर नवीनीकरण व नए छात्रों का फिर से परीक्षण किया जाएगा। जिला समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी दस प्रतिशत संस्थाओं व पांच प्रतिशत विद्यार्थियों का रैंडम आधार पर चयन कर भौतिक निरीक्षण करेंगे। इसके बाद जनपदीय छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति सभी स्वीकृत आवेदन पत्र 20 दिसंबर तक अपलोड कर देगी।
----

No comments:

Post a Comment