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-870 करोड़ की लागत से बनेगा, महराजगंज रोड पर 237 एकड़ जमीन चिह्नित
-वन विभाग से हस्तांतरण की पहल, बनेगी चार लेन सड़क
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश में दूसरे एम्स की लड़ाई में गोरखपुर ने बाजी मारी है। 870 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निर्माण से पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों सहित बिहार और नेपाल तक के मरीजों को लाभ मिलेगा। शासन स्तर पर इस बाबत तैयारियां तेज हो गई हैं और समयबद्ध ढंग से एम्स स्थापना की कार्ययोजना बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
रायबरेली में एम्स खुलने की घोषणा के बाद से ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक और एम्स खोलने की मांग लगातार उठाई जा रही थी। बीच में वाराणसी में एम्स खोलने की बात उठी, लेकिन इंसेफ्लाइटिस की मार के शिकार गोरखपुर व आसपास के जिलों में एम्स खोलने की लड़ाई भी शुरू हो गई। अब बाजी गोरखपुर के हाथ लगी है। वहां जिस जमीन पर एम्स खोलने का प्रस्ताव किया गया था, उस पर बीते दिनों अदालती स्थगनादेश खत्म होने से जमीन से जुड़ी बाधा पार हो गई। अब 870 करोड़ रुपये खर्च कर गोरखपुर में महाराजगंज रोड पर एम्स की स्थापना की जाएगी। इसमें संस्थान की स्थापना पर खर्च होने वाले 750 करोड़ रुपये केंद्र सरकार वहन करेगी जबकि राज्य सरकार 120 करोड़ रुपये खर्च कर आसपास के आधारभूत ढांचे का विकास करेगी।
प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) डॉ.अनूप चंद्र पाण्डेय ने अधिकारियों की बैठक बुलाकर एम्स के रास्ते की सभी बाधाएं दूर करने को कहा है। गोरखपुर से भी अधिकारी इस बैठक में आए। प्रमुख सचिव ने बताया कि एम्स के लिए 237 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली गई है और वन विभाग से इसे स्थानांतरित कराने की प्रक्रिया तत्काल शुरू कराने के निर्देश गोरखपुर प्रशासन को दिए गए हैं। महाराजगंज रोड पर बनने वाले एम्स के लिए अभी दो लेन सड़क है जिसे चार लेन में बदला जाएगा। इसके लिए नौ किलोमीटर सड़क बनानी होगी। समयबद्ध ढंग से पूरा आधारभूत ढांचा विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस पूरी प्रक्रिया पर प्रमुख सचिव स्वयं नजर रख रहे हैं।
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