Tuesday 27 October 2015

सौ में तीन बालिका वधू, 16 फीसद गर्भपात को मजबूर


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-उच्च प्राथमिकता वाले 25 जिलों के सर्वे में सामने आया तथ्य
-नौ फीसद को पता परिवार कल्याण, आठ फीसद नहीं चाहतीं बच्चा
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डॉ.संजीव, लखनऊ : तमाम दावों व कानूनों के बावजूद प्रदेश में तीन फीसद से अधिक बच्चियां ब्याह कर बालिका वधू बना दी जाती हैं। यह उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और 16 फीसद तो गर्भपात की शिकार होकर जिंदगी से जूझती हैं। ये तथ्य स्वास्थ्य विभाग की तकनीकी सहयोग इकाई द्वारा 25 जिलों के सर्वे में सामने आया।
उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सेहत की स्थिति का आकलन करने के लिए स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी तकनीकी सहयोग इकाई ने 25 जिलों में सर्वेक्षण कराया। पता चला कि प्रदेश की गर्भवती महिलाओं में से तीन प्रतिशत से अधिक 18 वर्ष से कम आयु की होती हैं। इससे स्पष्ट है कि सौ विवाहिताओं में से कम से कम तीन बालिका वधू होती हैं और उनकी उम्र भी 14 से 17 वर्ष के बीच होती है। इनमें से 16 फीसद तो गर्भाधान करने की स्थिति में ही नहीं थीं, जिस कारण उन्हें गर्भपात के लिए विवश होना पड़ा। इन बच्चियों में से सिर्फ नौ प्रतिशत को परिवार कल्याण के साधनों के बारे में पता था और आठ प्रतिशत तो गर्भवती होने की प्रक्रिया से इस कदर परेशान थीं कि वे बच्चा पैदा ही नहीं करना चाहती थीं। 39 प्रतिशत अगले तीन साल तक दूसरा बच्चा पैदा नहीं करना चाहतीं और 43 फीसद इस मसले पर अनिर्णय की स्थिति में दिखीं।
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18 प्रतिशत स्कूल नहीं गईं
13 से 19 वर्ष आयु वर्ग की किशोरियों के सर्वे में पता चला कि इनमें से 18 प्रतिशत तो कभी स्कूल ही नहीं गयीं। 17 फीसद को पढऩा-लिखना नहीं आता। इस आयु वर्ग में भी मौजूदा समय में महज 55 फीसद ही स्कूल जा रही हैं और शेष 27 फीसद ने लिखना-पढऩा सीखकर स्कूल जाना छोड़ दिया है। यह स्थिति तब है, जबकि सर्वे में शामिल किशोरियों में से 74 फीसद के परिवार गरीबी रेखा के ऊपर जीवन-यापन वाले थे।
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नहीं खरीदतीं सेनेटरी नैपकिन
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से मात्र छह रुपये में छह सेनेटरी नैपकिन का एक पैक किशोरियों के लिए उपलब्ध कराया जाता है। सर्वे में पता चला कि किशोरियां इस ओर भी जागरूक नहीं हैं। सिर्फ तीन प्रतिशत ने पिछले छह माह में ये नैपकिन खरीदे।
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ये हैं 25 जिले
इलाहाबाद, कौशांबी, मीरजापुर, सोनभद्र, बहराइच, बाराबंकी, फैजाबाद, खीरी, सीतापुर, बदायूं, बरेली, पीलीभीत, रामपुर, शाहजहांपुर, एटा, फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज, कासगंज, बलरामपुर, गोंडा, महाराजगंज, संतकबीर नगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर

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