Monday 5 October 2015

सख्ती से घटे छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के आवेदक

-बीते वर्ष की तुलना में घट गए बीस लाख अभ्यर्थी
-अभी दस दिन त्रुटियों को ठीक करेंगे छात्र-छात्राएं
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : कई घोटालों व अनियमितताओं के बाद इस बार हुई सख्ती से छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों की संख्या काफी घट गयी है। इस बार दशमोत्तर छात्रवृत्ति के लिए पिछले वर्ष की तुलना में लगभग बीस लाख कम अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।
दसवीं के बाद प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों तक पढ़ाई न रुकने देने के लिए शासन स्तर पर चलाई जाने वाली छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के लिए आवेदन की अंतिम तारीख तीस सितंबर थी। इस योजना के तहत दो लाख से कम वार्षिक आय वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के साथ शुल्क प्रतिपूर्ति का प्रावधान है। बीते वर्षों में इस योजना में जबर्दस्त फर्जीवाड़ा सामने आया और कालेजों ने मनमानी करते हुए फर्जी छात्रों का पंजीकरण दिखाकर करोड़ों रुपये हड़प लिये। इस पर जांच हुई तो कई अधिकारी निलंबित हुए और दर्जनों संस्थाएं काली सूची में डाली गयीं।
इसके बाद पूरी व्यवस्था ऑनलाइन करने के साथ स्क्रूटनी और संपूर्ण जांच-पड़ताल को बढ़ावा दिया गया। इस बार आवेदनों में इस सख्ती का असर साफ दिख रहा है। वर्ष 2014-15 में जहां इस योजना के लिए 54 लाख अभ्यर्थियों ने फार्म जमा किये थे, इस बार यह संख्या अब तक बस 34 लाख ही पार कर सकी है। अधिकारियों के मुताबिक इस वर्ष दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए 74 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है, इनमें से अभी 34 लाख ने फार्म जमा किए हैं। 11वीं व 12वीं के आवेदन पहले ही जमा किए जा चुके हैं। अब सिर्फ स्नातक व प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों के आवेदनों पर त्रुटियों को ठीक करने के लिए दस दिन समय मिलेगा। इसके बाद छात्र-छात्राएं अंतिम आवेदन पत्र को प्रिंट कर 17 अक्टूबर तक संबंधित संस्थान में जमा कर सकेंगे।
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कहां गायब हो गए 14 लाख विद्यार्थी
छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए विभिन्न संस्थानों से स्नातक या कोई अन्य प्रोफेशनल पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी दूसरे व अन्य वर्षों में नवीनीकरण के लिए आवेदन करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक ऐसे लगभग 14 लाख विद्यार्थी तो गायब ही हो गए हैं। पिछले वर्ष इन श्रेणी में 26,52,360 विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति पायी थी और उन्हें इस वर्ष नवीनीकरण के लिए आवेदन करना था। इसके विपरीत महज 12,86,750 ने ही पंजीकरण कराया और आवेदन तो केवल 11,74,780 विद्यार्थियों ने किया।
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आवेदनों की जांच को स्क्रूटनी कमेटी
पिछले वर्षों में हुए फर्जीवाड़े से सबक लेते हुए समाज कल्याण विभाग अब सभी आवेदनों की जांच के लिए स्क्रूटनी कमेटी बनाएगा। इसमें समाज कल्याण उपनिदेशक पीके त्रिपाठी, पिछड़ा वर्ग कल्याण उपनिदेशक शैलेश श्रीवास्तव, अल्पसंख्यक कल्याण उपनिदेशक तारिक अहमद, छात्रवृत्ति प्रभारी सिद्धार्थ मिश्र के साथ कुछ जिला समाज कल्याण अधिकारी भी शामिल हैं। यह कमेटी हर आवेदन की समीक्षा कर शासन को छात्रवृत्ति के लिए संदर्भित करेगी। 

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